प्रधानमंत्री ने कहा, समस्याओं को पहचानेंगे तभी समाधान तलाश कर पाएंगे

By भाषा | Updated: November 16, 2021 17:59 IST2021-11-16T17:59:25+5:302021-11-16T17:59:25+5:30

Prime Minister said, if we recognize the problems, then only we will be able to find solutions | प्रधानमंत्री ने कहा, समस्याओं को पहचानेंगे तभी समाधान तलाश कर पाएंगे

प्रधानमंत्री ने कहा, समस्याओं को पहचानेंगे तभी समाधान तलाश कर पाएंगे

नयी दिल्ली, 16 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेखा परीक्षकों से मजबूत और वैज्ञानिक लेखा विधियों को अपनाने का आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि ऑडिट मूल्य संवर्धन का एक महत्वपूर्ण जरिया है जो समस्याओं को पहचानने और समाधान तलाशने में मदद करता है।

कैग के पहले ‘ऑडिट दिवस’ समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में एक समय था जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को आशंका तथा भय के साथ देखा जाता था और ‘कैग बनाम सरकार’ व्यवस्था की सामान्य सोच बन गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज इस मानसिकता को बदला गया है। आज ऑडिट को मूल्य वर्धन का अहम हिस्सा माना जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले देश के बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता की कमी के चलते तरह-तरह के चलन थे और इसका परिणाम यह हुआ कि बैंको की गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़ती गईं।

उन्होंने कहा, ‘‘एनपीए को ‘कालीन के नीचे छिपाने’ का जो कार्य पहले के समय किया गया, वह शायद मुझसे ज्‍यादा आप लोग जानते हैं। लेकिन हमने पूरी ईमानदारी के साथ पिछली सरकारों का सच, जो भी स्थिति थी, देश के सामने खोल करके रख दिया। हम समस्याओं को पहचानेंगे, तभी तो समाधान तलाश कर पाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि पुराने समय में सूचना कहानियों के जरिये प्रसारित होती थी और कहानियों के जरिये ही इतिहास लिखा जाता था लेकिन 21वीं सदी में ‘‘डेटा ही सूचना है और आने वाले समय में हमारा इतिहास भी डेटा के जरिये देखा और समझा जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में डेटा ही इतिहास का निर्धारण करेगा।’’

प्रधानमंत्री ने संपर्क रहित व्यवस्थाओं, स्वचालित नवीकरण और बिना आमना-सामना आकलन और सेवा प्रदान करने के क्षेत्र में ऑनलाइन सुविधाओं का उल्लेख किया और कहा कि इसी का परिणाम है कि आज सरकार का दखल भी कम हो रहा है और जनता का काम भी आसान हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘व्यवस्था में जब यह पारदर्शिता आती है, तो नतीजे भी हमें साफ-साफ दिखाई देने लगते हैं।’’

उन्होंने कहा कि आज भारत पूरी दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बन चुका है और 50 से ज्यादा भारतीय ‘‘यूनिकॉर्न’’ खड़े हो चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक संस्था के रूप में कैग न केवल देश के खातों के हिसाब-किताब की जांच करता है, बल्कि उत्पादकता व दक्षता का मूल्यवर्धन भी करता है, इसलिए ऑडिट दिवस और इससे जुड़े कार्यक्रम देश के चिंतन-मंथन, बेहतरी और सुधार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बहुत कम संस्थाएं ऐसी होती हैं, जो समय बीतते-बीतते अधिक मजबूत और परिपक्व होती हैं। ज्यादातर संस्थाएं जन्म लेती हैं और तीन से पांच दशक आते-आते स्थितियां इतनी बदल जाती हैं कि वे संस्थाएं अपनी प्रासंगिकता खो देती हैं। लेकिन कैग के संबंध में हम कह सकते हैं कि इतने सालों बाद भी यह संस्थान अपने आप में बहुत बड़ी विरासत है, बहुत बड़ी अमानत है।’’

मोदी ने कहा कि हर पीढ़ी को संभालना व संवारना और आने वाली पीढ़ियों के लिए उसे अधिक उपयुक्त बनाकर आगे बढ़ाना भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और कैग इस भूमिका को बखूबी निभा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘दशकों तक हमारे देश में कैग की पहचान सरकारी फाइलों और बहीखातों के बीच माथापच्ची करने वाली संस्था के तौर पर रही है। इससे जुड़े लोगों की यही छवि बन गई थी। मुझे खुशी है कि आप तेजी के साथ परिवर्तन ला रहे हैं, प्रक्रियाओं को आधुनिक बना रहे हैं और आज आप अत्याधुनिक तंत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह नवोन्मेष हमारे संसाधनों में भी होना चाहिए और हमारी कार्यशैली में भी होना चाहिए।’’

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कैग कार्यालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया। कार्यक्रम में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू भी मौजूद थे।

मोदी ने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी अपने अधिकारियों से कहा करते थे कि यदि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक आपसे दस्तावेज या अन्य जरूरी कागजात मांगे तो उसे अवश्य उपलब्ध कराएं, क्योंकि इससे सरकार का काम बेहतर और आसान होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे स्वत:निर्धारण का काम आसान हो जाता है। शुचिता और पारदर्शिता व्यक्ति के जीवन में हो या सरकार में, यह हमारे लिए सबसे बड़े ‘मॉरल बूस्टर’ होते हैं।’’

कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम भी देश में चल रहा हैं और कुछ सप्ताह पहले ही देश ने 100 करोड़ टीकों की खुराक का पड़ाव पार किया है।

उन्होंने कैग को सलाह दी कि महामारी के खिलाफ देश की इस लड़ाई के दौरान जो अच्छी चीजें विकसित हुईं, वह उनका अध्ययन करें।

इस अवसर पर मुर्मू ने कहा कि ऑडिट दिवस मनाने के लिए आज का ही दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 16 नवंबर, 1860 को पहले महालेखापरीक्षक ने कार्यभार संभाला था।

उन्होंने कहा, ‘‘हम हर साल इस दिवस को मनाने का इरादा रखते हैं और इस दौरान कई कार्यकमों के आयोजन होंगे। इससे हमें खुद को पुन: समर्पित करने और सुशासन के लिए योगदान देने की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।’’

ऑडिट दिवस का आयोजन एक संस्था के रूप में कैग की ऐतिहासिक उत्पत्ति के अवसर पर किया जा रहा है। कैग ने बीते दशकों में शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

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