सबसे बेहतर मूल्य पर सर्वश्रेष्ठ ऑपरेटर लाने का नीतिगत फैसला अनुचित नहीं कहा जा सकता: न्यायालय
By भाषा | Updated: September 22, 2021 00:07 IST2021-09-22T00:07:27+5:302021-09-22T00:07:27+5:30

सबसे बेहतर मूल्य पर सर्वश्रेष्ठ ऑपरेटर लाने का नीतिगत फैसला अनुचित नहीं कहा जा सकता: न्यायालय
नयी दिल्ली, 21 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि ‘सर्वश्रेष्ठ परिचालक को सबसे बेहतर मूल्य’ पर लाने के नीतिगत फैसले को अनुचित नहीं कहा जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतें शासन कार्यकारी के फैसले की न्यायिक समीक्षा के दौरान उसके निर्णय पर नहीं, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया पर गौर करती हैं।
उच्चतम न्यायालय ने पंजाब राज्य बिजली निगम लि. (पीएसपीसीएल) द्वारा दायर अपील पर फैसला सुनाते हुए यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि एम्टा कोल लि.के पास खनन पट्टे देने से संबंधित मामले में इनकार का पहला अधिकार होगा।
पीएसपीसीएल ने 2000 में कंपनी के पक्ष में खनन पट्टा दिया था। इसके पीछे मकसद राज्य में बिजली के उत्पादन के लिए झारखंड में कैप्टिव कोयला खानों का विकास करना था।
हालांकि, बाद में शीर्ष अदालत ने एक फैसले के तहत सभी कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द कर दिया था। इसकी वजह से कंपनी को खनन पट्टा नहीं मिला और कई अदालती मामले बन गए।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ‘‘सर्वश्रेष्ठ मूल्य पर सर्वश्रेष्ठ परिचालक लाने का फैसला अनुचित नहीं है। ऐसे में इस आदेश पर ‘हमले’ का कोई आधार नहीं है।’’ पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई तथा न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना भी शामिल हैं।
पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पीएसपीसीएल की अपील को स्वीकार करते हुये कहा कि खनन पट्टा प्रतिस्पर्धी बोलियों के बाद दिया गया। ऐसे में कंपनी तर्कसंगत उम्मीद के अधिकार अथवा पहले इनकार के अधिकार का दावा नहीं कर सकती।
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