दिवाली में राहत की सौगात, पीएम मोदी की घोषणा और वित्त मंत्रालय ने किया अमल, चुनिंदा वस्तुओं पर विशेष दरों का प्रस्ताव, देखिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 15, 2025 14:57 IST2025-08-15T14:56:20+5:302025-08-15T14:57:06+5:30

PM Modi Independence Day Speech: जीएसटी दर की पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार-स्तरीय संरचना है।

PM Modi Independence Day Speech Gift relief Diwali PM Modi's announcement Finance Ministry's implementation, special rates proposed on selected items, see | दिवाली में राहत की सौगात, पीएम मोदी की घोषणा और वित्त मंत्रालय ने किया अमल, चुनिंदा वस्तुओं पर विशेष दरों का प्रस्ताव, देखिए

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Highlightsआम आदमी के जरूरत की वस्तुओं और आकांक्षावान वस्तुओं पर करों में कमी की बात कही गई है।वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत दो स्लैब- 'मानक' और 'योग्यता' बनाने का प्रस्ताव दिया है।निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की बैठक सितंबर में होने की उम्मीद है।

नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह (जीओएम) के समक्ष दो स्लैब वाली जीएसटी दर संरचना और कुछ चुनिंदा वस्तुओं के लिए विशेष दरों का प्रस्ताव रखा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार दिवाली तक लागू हो जाएंगे, जिससे कर का बोझ काफी कम होगा और छोटे उद्योगों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के तुरंत बाद वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीओएम के साथ साझा किया गया केंद्र का प्रस्ताव तीन बिंदुओं- संरचनात्मक सुधार, दरों को युक्तिसंगत बनाने और जीवन को आसान बनाने पर आधारित है। इस प्रस्ताव में आम आदमी के जरूरत की वस्तुओं और आकांक्षावान वस्तुओं पर करों में कमी की बात कही गई है।

केंद्र ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत दो स्लैब- 'मानक' और 'योग्यता' बनाने का प्रस्ताव दिया है। विशेष दरें केवल कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर ही लागू होंगी। इस समय जीएसटी दर की पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार-स्तरीय संरचना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की बैठक सितंबर में होने की उम्मीद है।

जिसमें दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए मंत्रियों के समूह की सिफारिशों पर चर्चा की जाएगी। जीएसटी से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था जीएसटी परिषद ही है। जीएसटी की मौजूदा चार-स्तरीय कर संरचना में आवश्यक वस्तुओं पर कर नहीं लगाया गया है या उन्हें निचले कर स्लैब में रखा गया है।

इसके विपरीत नुकसानदेह और विलासिता की वस्तुओं पर उच्चतम दर लागू है। कुछ वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर भी लगाया गया है। क्षतिपूर्ति उपकर व्यवस्था 31 मार्च, 2026 को खत्म हो रही है। वित्त मंत्रालय ने कहा, ''जीएसटी परिषद अपनी अगली बैठक में जीओएम की सिफारिशों पर विचार-विमर्श करेगी और उन्हें जल्द लागू करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।''

प्रस्ताव में कहा गया है कि संरचनात्मक सुधार उद्योग जगत में भरोसा बढ़ाने और बेहतर व्यावसायिक योजना को समर्थन देने में मदद करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर खत्म होने से राजकोषीय गुंजाइश बनी है, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता के लिए जीएसटी ढांचे के भीतर कर दरों को युक्तिसंगत बनाने का मौका मिला है।

मंत्रालय ने कहा कि सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के अनुरूप केंद्र राज्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके मुताबिक अगली पीढ़ी के कर सुधारों को लागू करने के लिए आने वाले हफ्तों में राज्यों के साथ व्यापक सहमति बनाई जाएगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित सात सदस्यीय मंत्रियों के समूह (जीओएम) के संयोजक हैं।

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