नई दिल्ली, 29 सितंबर: लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दामों के बाद अब बारी सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी है। इसके साथ ही यूरिया और बिजली उत्पादन की लागत में भी बढ़ोतरी की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे ट्रैड वार की वजह से लगातार रुपये के मूल्य में कमजोरी आ रही है और कच्चे तेल के दाम बढ़ने से बाजार में और कंपनियों पर और दबाव बढ़ गया है।
ऐसे में अब माना जा रहा है कि अक्टूबर से सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी के दाम बढ़ जाएंगे।
गौरतलब है कि नेचुरल गैस (प्राकृतिक गैस) शोधन किया जाता है। इनकी कीमतों में ही बदलाव होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई वृद्धि रहती है।
बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं रुपये के मूल्य में गिरावट हो रही है। अगर एलपीजी का के दामों में बढ़ोतरी हुई तो इसका असर सीएनजी और घरों में सीधे पाइप के माध्यम से पहुंचाई जाने वाली पीएनजी की कीमतों पर भी पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह फिलहाल एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने का नहीं सोच रही। ऐसे में ये साफ है कि सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी में बढ़ती कीमतों का असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा
बता दें कि देश में नेचुरल गैस और पेट्रोलियम लगभग 50 फीसदी आयात किया जाता है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते सीएनजी वाली गाड़ियों की मांग बढ़ रही है।