व्यक्तिगत शेयरधारकों की राय, ‘स्वतंत्र’ नहीं होते स्वतंत्र निदेशक : सर्वे
By भाषा | Updated: December 24, 2020 17:42 IST2020-12-24T17:42:15+5:302020-12-24T17:42:15+5:30

व्यक्तिगत शेयरधारकों की राय, ‘स्वतंत्र’ नहीं होते स्वतंत्र निदेशक : सर्वे
नयी दिल्ली, 24 दिसंबर सामान्य शेयरधारकों का एक बड़ा हिस्सा मानना है कि भारत में ज्यादातर कंपनियों के निदेशक मंडल का गठन प्रवर्तकों के पक्ष में झुका होता है और बड़ी संख्या में स्वतंत्र निदेशक वास्तव में ‘स्वतंत्र’ नहीं होते। एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
ऑनलाइन मंच लोकलसर्किल्स के कॉरपोरेट गवर्नेंस सर्वे-2020 के अनुसार 79 प्रतिशत व्यक्तिगत शेयरधारकों ने स्वतंत्र निदेशकों की स्वतंत्रता को लेकर चिंता जताई है।
लोकलसर्किल्स ने 12 माह के दौरान कामकाज के संचालन को लेकर नागरिकों के पोस्ट के विश्लेषण के बाद यह सर्वे किया है। सर्वे के लिए देश के 272 जिलों के 21,000 विशिष्ट शेयरधारकों से 48,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं।
सर्वे के अनुसार 65 प्रतिशत व्यक्तिगत शेयरधारकों का मानना है कि पब्लिक कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक अल्पांश शेयरधारकों के हितों के संरक्षण के लिए काम नहीं करते।
इसके अलावा शेयरधारकों ने कंपनियों में लेखा धोखाधड़ी, शेयरधारकों की जानकारी के बिना कंपनी की संपत्तियों की बिक्री और भेदिया कारोबार को अपनी तीन प्रमुख चिंताएं बताया।
लोकलसर्किल्स ने कहा, ‘‘यदि इन मुद्दों को हल कर लिया जाता है, तो न केवल भारतीय बाजार बल्कि कंपनियां भी जनता का भरोसा जीत पाएंगी और अधिक संख्या में आम नागरिक अपनी बचत का निवेश उनके शेयरों में करेंगे।
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