नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनिया महामंदी की ओर है। कोविड-19 बीमारी की वजह से दुनिया को 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने की आशंका है जो कि कई विकसित देशों की अर्थव्यवस्था के बराबर है। साल 2020 में वैश्विक कारोबार में 13 से 32% गिरावट का अनुमान है।
सरकार के इस फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट घटा कर बैंकों की जमा राशि पर ब्याज को कम कर दिया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने आरबीआई की ओर से दी गई राहत पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि इससे छोटे व्यवसायों, एमएसएमई, किसानों और गरीबों को फायदा मिलेगा।
आरबीआई ने कहा है कि मार्च में निर्यात 34.6% घटा, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में कहीं अधिक है। आरबीआई का कहना है कि हम पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नजर रख रहे हैं और भारत के हालात दूसरों से बेहतर हैं।
रिवर्स रेपो में कटौती
आरबीआई ने तत्काल प्रभाव से रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती के साथ 4 प्रतिशत से कम करके 3.75 प्रतिशत किया गया। रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले आरबीआई ने पिछले महीने 27 मार्च को रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 4 प्रतिशत पर ला दिया था।
रिवर्स रेपो में कटौती से बाजार में बढ़ेगी नकदी
बाजार में नकदी की तरलता बढ़ाने के लिए आरबीआई रिवर्स रेपो रेट में कटौती करता है। रिवर्स रेपो रेट वह दर होती जिस पर बैंकों द्वारा आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दे। इसके उलट जब बाजार में नकदी के प्रवाह में कमी दिखाई देती है तो आरबीआई रिवर्स रेपो रेट घटा देता है।
आरबीआई ने किया 50 हजार करोड़ रुपये मदद का ऐलान
बाजार में तरलता बनाए हुए रखने के लिए आरबीआई ने नेशनल बैंक फॉर एग्रिकल्चर ऐंड रूरल डिवेलपमेंट (NABARD) को 25 हजार करोड़ रुपये, स्मॉल इंडस्ट्रीज डिवेलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) को 15 हजार करोड़ और नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) को 10 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। 50 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान आरबीआई ने किया है।