विदेशों में गिरावट से घरेलू बाजार में बीच तेल तिलहन कीमतों में नरमी

By भाषा | Updated: October 4, 2021 19:45 IST2021-10-04T19:45:21+5:302021-10-04T19:45:21+5:30

Oilseeds prices soften in the domestic market due to fall in foreign countries | विदेशों में गिरावट से घरेलू बाजार में बीच तेल तिलहन कीमतों में नरमी

विदेशों में गिरावट से घरेलू बाजार में बीच तेल तिलहन कीमतों में नरमी

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर मांग कमजोर होने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों तेल तिलहन और सोयाबीन तिलहन के भाव कमजोर रहे जबकि मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती का रुख होने के कारण सीपीओ और पामोलीन तेल की कीमतों में सुधार आया। बाकी तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर ही बने रहे।

मलेशिया एक्सचेंज में 1.8 प्रतिशत की मजबूती थी जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में फिलहाल आधा प्रतिशत का सुधार है। मलेशिया एक्सचेंज में इस गिरावट का असर सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों पर भी दिखाई दिया।

सूत्रों ने कहा कि ‘नवरात्र’ के दिनों में मांग फिर से बढ़ सकती है। फिलहाल ‘श्राद्ध’ के दिनों में कम लिवाली हो रही ह्रै।

सूत्रों ने बताया कि मंडियों में सोमवार को साढ़े तीन लाख बोरी सोयाबीन की आवक हुई। अधिकतर प्लांट वाले सीधा मंडियों से सोयाबीन की खरीद कर रहे हैं। प्लांट पर डिलीवरी काफी कमजोर है जबकि उम्मीद है कि कुछ प्लांट वाले नवरात्र पर अपनी खरीद शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि विदेशों में तेजी होने के बावजूद स्थानीय स्तर पर मांग कमजोर है।

सूत्रों ने कहा कि तेल संगठन मोपा (मस्टर्ड आयल प्रोसेसिंग एसोसिएशन) और मरुधर ट्रेडिंग कंपनी ने एक आकलन में बताया है कि सरसों का मात्र 18.5 लाख टन का स्टॉक बचा है जो पिछले महीने 30.5 लाख टन था।

तेल विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों की अगली फसल आने में कम से कम पांच महीने की देर है। इस बीच त्योहारों और जाड़े की मांग बढ़ेगी और सरकारी खरीद एजेसियों के पास सरसों का कोई स्टॉक भी नहीं है। इस स्थिति की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए आगे से सरकार को सरसों का स्टॉक स्थायी तौर पर बना कर रखने के बारे में विचार करना चाहिये क्योंकि सरसों की फसल 10-12 साल तक खराब नहीं होती है।

सूत्रों कहा कि सरसों का कोई विकल्प नहीं है। इसकी अगली बिजाई अक्टूबर-नवंबर में होगी और इस बार पैदावार दोगुने से भी काफी अधिक होने की संभावना है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 8,725 - 8,750 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली - 6,250 - 6,395 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,280 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,140 - 2,270 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 17,680 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,680 -2,730 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,765 - 2,875 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,500 - 18,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,350 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,960 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,850

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,500 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,600 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,150 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,070 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 5,250 - 5,500, सोयाबीन लूज 5,000 - 5,100 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपये।

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Web Title: Oilseeds prices soften in the domestic market due to fall in foreign countries

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