तेल-तिलहनों कीमतों की कीमतों में सुधार जारी; त्योहारी की मांग, विदेशो में तेजी का असर

By भाषा | Updated: July 20, 2021 20:15 IST2021-07-20T20:15:53+5:302021-07-20T20:15:53+5:30

Oil-oilseeds prices continue to improve; Festive demand, effect of boom in foreign countries | तेल-तिलहनों कीमतों की कीमतों में सुधार जारी; त्योहारी की मांग, विदेशो में तेजी का असर

तेल-तिलहनों कीमतों की कीमतों में सुधार जारी; त्योहारी की मांग, विदेशो में तेजी का असर

नयी दिल्ली, 20 जुलाई विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और त्योहारी मांग निकलने से स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन और सीपीओ तेल सहित लगभग सभी खाद्य तेलों के भाव में सुधार दर्ज हुआ।

बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज मंगलवार को बंद रहा जबकि शिकागो एक्सचेंज में दो प्रतिशत की तेजी थी। विदेशी बाजारों में तेजी से स्थानीय तेल तिलहन कीमतों पर अनुकूल असर हुआ और कीमतों में सुधार हुआ।

उन्होंने कहा कि मंडियों में सरसों और सोयाबीन तिलहन की बहुत कमी है जबकि मांग निरंतर बढ़ रही है जिसके कारण सोयाबीन का भाव रिकार्ड स्तर पर जा पहुंचा है। खासकर बरसात के मौसम की मांग के अलावा आगामी त्यौहारी मांग लगातार बढ़ रही है जिससे भाव मजबूत बने हुए हैं। महाराष्ट्र के लातूर किर्ती में सोयाबीन बीज का ‘प्लांट डिलीवरी’ भाव 8,300 रुपये क्विन्टल से बढ़ाकर 8,450 रुपये क्विन्टल कर दिया गया है। इसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अलग से लगना है।

उन्होंने कहा कि सरकार को खाद्य तेलों के आयात शुल्क को कम ज्यादा करने के बजाय तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना चाहिये जिससे इसके आयात के लिए विदेशी बाजारों पर निर्भरता को कम किया जा सके। उनकी राय में पामोलीन के आयात पर अंकुश लगना चाहिए नहीं तो घरेलू रिफायनिंग कंपनियों का चलना कठिन हो जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि मार्च अप्रैल के मौसम में सरसों से रिफाइंड बनाने के कारण सरसों तेल की किल्लत पैदा हुई है। उनकी राय है कि सहकारी संस्था हाफेड को अभी भी बाजार भाव से सरसों की खरीद कर उसका स्टॉक रखना चाहिये ताकि सरसों की आगामी खेती के लिए बीज की कमी न हो। अगर बीजों का समुचित इंतजाम रहा तो किसान अगली फसल में सरसों की पैदावार दोगुनी कर सकते है। मौजूदा सत्र में सरसों के अच्छे दाम मिलने से किसान उत्साहित हैं।

सूत्रों ने कहा कि बढ़ते स्थानीय मांग को देखते हुए सरकार को सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) के निर्यात पर रोक लगानी चाहिये। उल्लेखनीय है कि बेहतर सोयाबीन दाने की कमी की वजह से 60-70 प्रतिशत परेाई मिलें बंद हो चुकी हैं। ये संयंत्र किसी तरह माल इकट्ठा कर महीने में 5-10 दिन ही अपना संयंत्र चला पा रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि मांग बढ़ने से बिनौला में सुधार आया वहीं सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्ववत रहे। मांग निकलने और विदेशों में खाद्य तेल कीमतों में सुधार की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें भी मजबूती के साथ बंद हुईं।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,655 - 7,705 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,895 - 6,040 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,235 - 2,365 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,110 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,470 -2,520 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,570 - 2,680 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,910 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,800 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,460 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,230 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,210 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,120 रुपये।

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Web Title: Oil-oilseeds prices continue to improve; Festive demand, effect of boom in foreign countries

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