त्यौहारों और शादी विवाह की मांग बढ़ने से तेल तिलहन कीमतों में सुधार

By भाषा | Updated: March 6, 2021 20:10 IST2021-03-06T20:10:13+5:302021-03-06T20:10:13+5:30

Oil oilseed prices improve due to increased demand for festivals and marriage marriages | त्यौहारों और शादी विवाह की मांग बढ़ने से तेल तिलहन कीमतों में सुधार

त्यौहारों और शादी विवाह की मांग बढ़ने से तेल तिलहन कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, छह मार्च विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और स्थानीय शादी विवाह और त्यौहारों की मांग बढ़ने तथा पीछे से आपूर्ति का सिलसिला कमजोर पड़ने से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शनिवार को खाद्य तेलों के भाव में सुधार का रुख रहा । सरसों तेल, सोयाबीन तेल तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में लाभ दर्ज हुआ। सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल और दाना के भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि अर्जेन्टीना में सूखे की स्थिति के कारण पूरे विश्व में हल्के तेलों की आपूर्ति प्रभावित हुई है। वैश्विक स्तर पर सूरजमुखी तेल का भाव 1,700 डॉलर प्रति टन (कांडला बंदरगाह पर) की रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंचा है तथा दिल्ली में भी इसका भाव सारे शुल्क सहित 185 रुपये किलो की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया है। आयातित तेलों के महंगा होने विशेषकर सूरजमुखी के महंगा होने की वजह से सोयाबीन और पामेलीन तेल की मांग काफी बढ़ी है। सोयाबीन की बड़ियां बनाने वाले उद्योगों की सोयाबीन के अच्छे दाने की भारी मांग के बीच इसके भाव 6,150 रुपये क्विन्टल की ऊंचाई पर जा पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन की तेजी का आलम यह है कि अर्जेन्टीना से भारत की सोयाबीन डिलीवरी का भाव 1,200 डॉलर से बढ़कर 1,245 डॉलर प्रति टन हो गया है। देश में मौजूदा आयात शुल्क और मुनाफा जोड़ने के बाद इसका भाव 129 रुपये किलो बैठता है।

महाराष्ट्र के जलगांव में भी शादी और त्यौहारों की वजह से खाद्य तेलों की भारी मांग है जहां पामोलीन की किल्लत है और इसलिए सोयाबीन की मांग ज्यादा है और माल की आपूर्ति बेहद कम है। इसकी वजह से भी सोयाबीन में काफी सुधार देखने को मिला। यूरोप में भी हल्का तेल माने जाने वाले रेपसीड तेल की भारी कमी है और इसकी वजह से भी सोयाबीन तेल की वैश्विक मांग बढ़ी है।

सूत्रों ने कहा कि तेल कीमतों के महंगा होना तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास की दृष्टि से एक बेहतर परिघटना साबित हो सकती है और अगली बार तिलहन बुवाई पर किसानों का जोर बढ़ने की संभावना को देखते हुए इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में बेहतर स्थिति कही जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार को तिलहन उत्पादन बढ़ाने की दिशा में हरसंभव प्रयास करना चाहिये जिससे हमारे देश की विदेशीमुद्रा की भारी बचत होगी।

सामान्य कारोबार के बीच अधिकांश तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 5,900 - 5,950 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 6,020- 6,085 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,850 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,380 - 2,440 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,010 -2,100 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,140 - 2,255 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 13,500 - 16,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,100 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,700 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,000 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,000 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,000 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,850 रुपये।

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Web Title: Oil oilseed prices improve due to increased demand for festivals and marriage marriages

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