नयी दिल्ली, 11 फरवरी सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल इंडिया का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में 122 प्रतिशत उछलकर 903.69 करोड़ रुपये रहा। मुख्य रूप से कर मामलों के निपटान से कंपनी को हुए एकबारगी लाभ के कारण मुनाफा बढ़ा है।
कंपनी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में उसे 406.39 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
ऑयल इंडिया ने अपने तिमाही परिणाम के ब्योरे में कहा है कि कर विवाद निपटान योजना विवाद से विश्वास का विकल्प चुनने से कंपनी को 1,158.54 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
कंपनी ने योजना के तहत आकलन वर्ष 2003-04 से 2016-17 के अपने सभी लंबित आयकर विवाद का समाधान कर लिया।
हालांकि अगर इस एकबारगी लाभ को हटा दिया जाए उसका लाभ कम रहना चाहिए क्योंकि आलोच्य तिमाही जो तेल एवं गैस बिके, उससे कम आय प्राप्त हुई।
कंपनी को तीसरी तिमाही में प्रत्येक बैरल कच्चे तेल के लिये 44.09 डॉलर मिला जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 63.27 डॉलर प्रति बैरल था।
गैस की कीमत कीमत भी 1.79 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मनल यूनिट रही।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान कंपनी का लाभ 46 प्रतिशत घटकर 894.03 करोड़ रुपये रहा।
इसका कारण कच्चे तेल के औसत मूल्य में कमी है। 2020-21 के नौ महीनों के दौरान कच्चे तेल का औसत मूल्य 38.98 डॉलर प्रति बैरल रहा जबकि 2019-20 की इसी अवधि में यह 63.62 डॉलर प्रति बैरल था।
इसी प्रकार, प्राकृतिक गैस का औसत मूल्य आलोच्य अवधि में 2.19 डॉलर प्रति यूनिट रहा जो एक साल पहले 2019-20 में नौ महीनों में औसत 3.54 डॉलर प्रति यूनिट था।
ऑयल इंडिया ने 2020-21 के लिये 3.50 रुपये प्रति शेयर लाभांश देने की घोषणा की है।
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