नई दिल्ली, 13 सितंबर: राफेल डील को लेकर कांग्रेस और विपक्षी पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार पिछले कुछ महीनों से हमला बोल रहे हैं। राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार के उपर कई सवाल उठाए हैं। इस बीच विपक्ष का एक सवाल यह भी था कि आखिर नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 126 राफेल विमान की जगह सिर्फ 36 ही क्यों खरीदे? असल में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 126 विमान लाने के लिए डील किया था।
इसलिए खरीदे सिर्फ 36 विमान
मोदी सरकार ने साल 2015 में फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने का ऐलान किया था। 36 राफेल के विमान डील पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में बताया, जब 59000 करोड़ रुपये की लागत से भारत के लिए 36 लड़ाकू विमान खरीदे गए तब भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की आधारभूत संरचना, अन्य तकनीकी आवश्यकताओं और इंफ्रास्ट्रक्चर इस बात की अनुमति नहीं दे रहे थे कि 36 से ज्यादा राफेल विमान खरीदे जाए।
उन्होंने कहा, 'हर बार जब आप एक स्क्वाड्रन (18 विमानों का मानक बेड़ा) शामिल करते हैं, तो कई अन्य सामानों की आपको जरूरत होती है। इसलिए अगर आपको कुछ जल्दी में करना होता है, पैरामीटर के एक सेट को देखते हुए फैसला करना पड़ता है।'
निर्मला सीतारमण ने बताया, 'जब आप भारतीय वायुसेना के तकनीकी विवरण के बारे में जानेंगे तो आपको पता चलेगा कि अगर इमरजेंसी हो तो आप हमेशा सिर्फ दो स्क्वाड्रन ही शामिल कर सकते हैं, दो से ज्यादा नहीं। इसी बात से यह साफ हो जाता है कि हमने सिर्फ दो के लिए हां क्यों किया।'
उन्होंने कहा, आप चाहे तो फ्लाइवे कंडिशन के विमानों को आप शामिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको काफी खर्च करना पड़ता है। राफेल के वक्त हम दो स्क्वाड्रन से ज्यादा के लिए तैयार नहीं थे, बाकी चीजों पर हम व्यवस्था करने में विफल थे।
इसलिए नहीं बताए राफेल के दाम
इंटरव्यू के वक्त जब रक्षा मंत्री से जब यह सवाल किया गया कि उन्होंने राफेल सौदे की कीमत बताने की बात कही थी तो उन्होंने कहा, वह सिर्फ राफेल विमान की बेसिक कीमत 670 करोड़ रुपये की बात की थी। जो उन्होंनो संसद में पहले ही बताया दिया था।
सीतारामन ने कहा, "मैंने इसके बारे में सोचा है, क्योंकि मुझे से बहुत से लोगों ने पूछा है। लेकिन मैंने इसका जवाब नहीं दिया है। मैंने रक्षा सचिव से राफेल का मूल मूल्य देने के लिए कहा था। लेकिन उन्होंने सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए इसे बताने से इनकार कर दिया, इसलिए मैंने उसका जवाब आपको नहीं दिया।
वायुसेना प्रमुख ने राफेल पर कही ये बात
बुधवार को वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा है कि राफेल से भारतीय सेना को मजबूती मिलेगी। बीएस धनोआ ने नरेन्द्र मोदी सरकार का समर्थन करते हुए कहा, "राफेल और एस-400 देकर सरकार भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ा रही है, ताकि घटती संख्या से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके।" उन्होने कहा, केंद्र सरकार आज हमें राफेल लड़ाकू विमान देने की तैयारी करवा रही है। इन विमानों के जरिए हम सेना के सामने जो भी मुश्किलें हैं, उसका सामना कर पाएंगे।
राफेल क्या है ?
राफेल अनेक भूमिकाएं निभाने वाला एवं दोहरे इंजन से लैस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है और इसका निर्माण डसॉल्ट एविएशन ने किया है। राफेल विमानों को वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है। भारत और फ्रांस ने 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 23 सितंबर, 2016 को 7.87 अरब यूरो (लगभग 5 9, 000 करोड़ रुपये) के सौदे पर हस्ताक्षर किए। विमान की आपूर्ति सितंबर 2019 से शुरू होगी।