म्यूचुअल फंड्स से लेकर जीएसटी तक, 1 मई से आपके बजट पर असर डालेंगे ये नए नियम, जानें
By मनाली रस्तोगी | Published: April 29, 2023 03:23 PM2023-04-29T15:23:53+5:302023-04-29T15:25:40+5:30
नए नियम के मुताबिक, जिन कंपनियों का टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उन्हें 7 दिनों के अंतराल में इनवॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर अपनी ट्रांजैक्शन रसीद अपलोड करनी होगी।

(फाइल फोटो)
नई दिल्ली: अप्रैल का महीना जल्द ही खत्म होने वाला है। 1 मई से कई नए वित्तीय नियम या तो बदल दिए जाएंगे या खत्म कर दिए जाएंगे। इन परिवर्तनों का आपके वित्तीय स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसलिए इन बदलावों के बारे में जानना जरूरी है, नहीं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यहां कुछ नियम दिए गए हैं जो 1 मई से बदल जाएंगे। सबसे बड़ा नियम परिवर्तन जीएसटी नियम है।
नए नियम के मुताबिक, जिन कंपनियों का टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उन्हें 7 दिनों के अंतराल में इनवॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर अपनी ट्रांजैक्शन रसीद अपलोड करनी होगी। वर्तमान में चालान के पंजीकरण की कोई सीमा नहीं है। बाजार नियामक सेबी ने एक और नियम में बदलाव करते हुए म्यूचुअल फंड कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे ई-वॉलेट से पैसे स्वीकार करें जिनका केवाईसी हो चुका है।
यानी अगर आपके वॉलेट में केवाईसी नहीं है तो आप इसके जरिए निवेश नहीं कर पाएंगे। यह नियम एक मई से लागू हो जाएगा। केंद्र सरकार हर महीने एलपीजी, सीएनजी और पीएनजी के रेट बदलती है। पिछले महीने कमर्शियल सिलेंडर के दाम 91.50 रुपये तक घटाए गए थे। दिल्ली में एक कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 2028 रुपये थी। सरकार 1 मई को कीमतों में बदलाव कर सकती है। अंतिम परिवर्तन अत्यंत महत्वपूर्ण है। पैसे की कमी के कारण एटीएम पर लेनदेन विफल होने पर पीएनबी ग्राहकों से 10 रुपये और जीएसटी वसूला जाएगा।