रिलायंस कम्युनिकेशंस के खिलाफ कर दावे को NCLAT ने किया खारिज, कर विभाग ने की थी ये मांग
By आकाश चौरसिया | Updated: September 21, 2024 15:04 IST2024-09-21T14:50:59+5:302024-09-21T15:04:31+5:30
एनसीएलएटी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) से बकाया का दावा करने वाली राज्य कर विभाग की याचिका को खारिज कर दिया है। कंपनी के खिलाफ बकाया का दावा दिवाला कार्यवाही शुरू होने के बाद किए गए आकलन पर आधारित था।

अनिल अंबानी की कंपनी है रिलायंस कम्युनिकेशंस
नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने बताया कि राज्य कर विभाग द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है। इसमें रिलायंस कम्युनिकेशंस के बकाए की बात सामने आ रही है। इसमें कंपनी की दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होने के बाद किए गए आकलन के आधार पर रिलायंस कम्युनिकेशंस के खिलाफ बकाया का दावा करने की मांग की गई थी।
एनसीएलएटी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) से बकाया का दावा करने वाली राज्य कर विभाग की याचिका को खारिज कर दिया है। कंपनी के खिलाफ बकाया का दावा दिवाला कार्यवाही शुरू होने के बाद किए गए आकलन पर आधारित था।
एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के आदेश को बरकरार रखा, जिसने राज्य कर विभाग के 6.10 करोड़ रुपये के दावे को खारिज कर दिया था।
आरकॉम के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) 22 जून, 2019 को शुरू की गई थी। इसके बाद राज्य कर विभाग ने दो दावे दायर किए थे। पहला दावा 24 जुलाई, 2019 को 94.97 लाख रुपये के लिए और दूसरा दावा 15 नवंबर, 2021 को 6.10 करोड़ रुपये के लिए था।
दूसरा दावा 30 अगस्त, 2021 के मूल्यांकन आदेश पर आधारित था। एनसीएलटी ने पहला दावा स्वीकार कर लिया था, जिसे सीआईआरपी की शुरुआत से पहले पारित किया गया था। हालांकि, इसने दूसरे दावे को स्वीकार नहीं किया जो 2021 में पारित मूल्यांकन आदेश पर आधारित था।