लाइव न्यूज़ :

किसानों की कर्ज माफी में सहयोग करें राष्ट्रीयकृत बैंक: गहलोत

By भाषा | Updated: December 27, 2021 19:51 IST

Open in App

जयपुर, 27 दिसंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों की कर्ज माफी के वादे को पूरा करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों को प्रस्ताव भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के फसली ऋणों को माफ करने के लिए एकमुश्त ऋण माफी योजना लाई गई है और गरीब किसानों को राहत देने के लिए इस संबंध में बैंकों को प्रस्ताव भेजा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव को क्रियान्वित कर राष्ट्रीयकृत बैंक किसानों की कर्ज माफी में राज्य सरकार को अपेक्षित सहयोग करें।

गहलोत राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 151वीं बैठक तथा नाबार्ड की राजस्थान राज्यस्तरीय ऋण संगोष्ठी को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा हाल ही में लाई गई एकमुश्त ऋण माफी योजना में गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए) में वर्गीकृत कृषि ऋणों की माफी की गई है। जिसमें 90 प्रतिशत ऋण बैंक ने माफ किया है जबकि शेष 10 प्रतिशत कृषक ने दिया है। इसी योजना की तर्ज पर अन्य बैंक भी योजना लाकर गरीब किसानों को राहत दें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसमें कृषक के हिस्से की 10 प्रतिशत राशि देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं बैंकों का मकसद किसानों को राहत देना है।

सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को राहत प्रदान करने एवं विकास की गति को बनाए रखने के लिए पिछले तीन वर्ष में राज्य सरकार द्वारा कई प्रयास किए गए हैं। सरकार बनते ही सबसे पहले हमने किसानों का ऋण माफी के आदेश जारी कर अब तक 14 हजार करोड़ का सहकारी बैंकों का कर्ज माफ किया है, जिसमें पिछली सरकार का भी छह हजार करोड़ का कर्ज शामिल है। राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार, 30 नवंबर, 2018 को एनपीए घोषित राष्ट्रीयकृत बैंकों के कृषक खातों के कर्ज माफ किए जाने शेष हैं।

गहलोत ने कहा कि बैंक राज्य सरकार की ‘इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना’, इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, स्वयं सहायता समूहों एवं अन्य योजनाओं से जुड़े लोगों को ऋण उपलब्ध कराने में आगे आकर सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के वर्ष 2022-23 के ‘स्टेट फोकस पेपर’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने इसमें प्राथमिकता क्षेत्रों के लिए संभावित ऋण का आकलन 2.50 लाख करोड़ का किया है, जो पिछले वर्ष के संभावित आकलन की तुलना में 7.3 प्रतिशत अधिक है।

कार्यक्रम में इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना, स्वयं सहायता समूह व अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को चेक वितरित किए गए। तिब्बती शरणार्थियों को खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण के चेक भी दिए।

प्रमुख शासन सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा ने कहा कि राज्य में 80 हजार ई-मित्र, 23 हजार राशन डीलर तथा करीब 20 हजार डेयरी बूथ हैं। इन्हें 'बैंकिंग प्रतिनिधि' केंद्र के रूप में विकसित कर प्रदेश के कोने-कोने तक बैंकिंग सुविधाओं को आसानी से पहुंचाया जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटNew Zealand vs West Indies, 3rd Test: न्यूजीलैंड ने 8 विकेट 575 रन बनाकर पारी घोषित किया, वेस्टइंडीज ने किया पलटवार, 110 पर 0 विकेट, 465 रन पीछे

बॉलीवुड चुस्कीरिव्यू: दिमाग में देर तक गूंजती है ‘रात अकेली है द बंसल मर्डर्स’

भारतVIDEO: डिंपल यादव बोलीं, राम के नाम का राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है भाजपा

क्रिकेटAustralia vs England, 3rd Test: ऑस्ट्रेलिया 356 रन आगे, हाथ में 6 विकेट, फिर हारेगा इंग्लैंड, फिर से एशेज पर कब्जा?

पूजा पाठSingh Rashifal 2026: नए साल में सिंह राशिवालों की कटेगी चांदी, पढ़ें अपना विस्तृत राशिफल

कारोबार अधिक खबरें

कारोबार31 दिसंबर से पहले ये 4 काम कर लें पूरे, वरना नए साल में होगा भारी नुकसान

कारोबारदिल्ली प्रदूषण नियंत्रणः 14 अक्टूबर से 15 दिसंबर के बीच 1,56,993 चालान, प्रत्येक पर 10000 रुपये का जुर्माना

कारोबारअमेरिकी टैरिफ ने वाट लगा दी है कश्‍मीर के पेपर माशी व्‍यापार पर

कारोबारPetrol Diesel Price Today: तेल कंपनियों ने जारी किए ईंधन के नए दाम, यहाँ देखें ताजा लिस्ट

कारोबारबाबा के बताए मार्ग पर चलकर ही बनेगा विकसित छत्तीसगढ़, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लालपुर में महाविद्यालय की घोषणा सहित विकास कार्यों की दी सौगात