कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण आम जनता पर आए आर्थिक दबाव को कम करने के लिए रिजर्व बैंक ने लोन पर ईएमआई चुकाने के लिए 6 महीने की छूट (मोरेटोरियम) दी थी, जो 31 अगस्त को खत्म हो गई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी है कि लोन मोरेटोरियम की मियाद को दो साल तक बढ़ाई जा सकती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई टाल दी और अब सुनवाई कल (बुधवार) को होगी।
बता दें कि लोगों के आर्थिक दबाव को कम करने के लिए रिजर्व बैंक ने मार्च महीने में लोन की ईएमआई चुकाने के लिए तीन महीने की मोरेटोरियम की घोषणा की थी, जिसे बाद में तीन महीने के लिए और बढा दिया गया। हालांकि अब मोरेटोरियम की सुविधा 31 अगस्त को खत्म हो गई है।
बता दें कि मोरेटेरियम की सुविधा को बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें याचिकाकर्ता ने अपील की है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक हालात में सुधार नहीं हुआ है, जबकि यह और ज्यादा खराब हुआ है। ऐसी स्थिति में मोरेटोरियम की सुविधा को इस साल दिसंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मोरेटोरियम पीरियड को दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। आरबीआई और बैंक मिलकर जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह मोरेटेरियम सभी सेक्टर के लिए नहीं होगी। हम प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं।