राजकोट में मोरारी बापू की रामकथा में 60 करोड़ रुपए के दान की गंगा बही

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 3, 2024 12:45 IST2024-12-03T12:44:05+5:302024-12-03T12:45:20+5:30

राजकोट के रेसकोर्स ग्राउंड में आयोजित रामकथा के पहले ही दिन मोरारी बापू ने लोगों से बुजुर्गों और प्रकृति के प्रति अपना स्नेह और समर्थन व्यक्त करने की अपील की थी।

​​​​​​​Morari Bapu's Ramkatha in Rajkot Ganga donations worth Rs 60 crore flowed | राजकोट में मोरारी बापू की रामकथा में 60 करोड़ रुपए के दान की गंगा बही

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Highlightsआह्वान पर श्रोताओं ने अभूतपूर्व दान दिया है।करुणा और मानवता के मूल संदेश को भी बल मिला है।

राजकोटः राजकोट में प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और रामचरितमानस के प्रखर प्रवर्तक मोरारी बापू की रामकथा में बुजुर्गों की सेवा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के महान कार्य के लिए 60 करोड़ रुपए से अधिक के दान की गंगा बही है । दान की राशि सद्भावना ट्रस्ट द्वारा बनाये जाने वाले  वृद्धाश्रम तथा अन्य धर्मार्थ कार्यो  के लिए दी जायेगी। राजकोट के रेसकोर्स ग्राउंड में आयोजित रामकथा के पहले ही दिन मोरारी बापू ने लोगों से बुजुर्गों और प्रकृति के प्रति अपना स्नेह और समर्थन व्यक्त करने की अपील की थी। उनके आह्वान पर श्रोताओं ने अभूतपूर्व दान दिया है।

इतने बडे़ दान से रामकथा के करुणा और मानवता के मूल संदेश को भी बल मिला है। जामनगर रोड पर पडधरी में 300 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले सद्भावना वृद्धाश्रम के लिए दान प्राप्त करना ही इस कथा का एक मुख्य उद्देश्य है। निराश्रित, विकलांग और असहाय बुजुर्गों कों अपना घर मिले इस लक्ष्य के साथ डिज़ाइन किये गये इस वृद्धाश्रम में कुल 1,400 कमरे होंगे।

जहां बुजुर्गों की पूरे सम्मान के साथ देखभाल की जायेगी । इस प्रोजेक्ट का दूसरा उद्देश्य बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण भी है, जो आध्यात्मिक मूल्यों के साथ पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को जोड़ता है। यह रामकथा भगवान राम और रामायण की शिक्षाओं से समाज को उन्नत करने की मोरारी बापू की छह दशक की यात्रा में 947वीं कथा थी।

सत्य, प्रेम और करुणा के उनके शाश्वत संदेश से दुनिया भर में करोड़ों श्रद्धालु उत्साह से जुड़ते हैं। राजकोट के इस आयोजन ने तो आध्यात्मिकता की समाज में क्रांति लाने की  शक्ति को और अधिक उद्घाटित किया है। 23 नवंबर को भव्य पोथी यात्रा के साथ आरंभ हुई इस पुण्यकथा का लाभ प्रतिदिन लगभग 80,000 से अधिक भक्त, गणमान्य लोगों और स्वयंसेवकों ने लिया है।

साथ ही प्रतिदिन बड़ी संख्या मे श्रोताओं और भक्तजनो ने भावपूर्वक भोजनप्रसाद का ग्रहण भी किया । इस आयोजन को सफल बनानें के लिए दर्जनों सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों ने रात -दिन एक किया है। 1 दिसंबर को पूर्ण हुई रामकथा ने हजारों लोगों में दिव्य आध्यात्मिक अनुभूति के साथ आस्था की सार्थक सामाजिक परिवर्तन की ओर ले जाने वाली  क्षमता को भी प्रकाशित किया है। एकत्रित धनराशि सैकड़ों निराधार वृद्धों के लिए आशा की किरण लाने के साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में भी योगदान देगी।

Web Title: ​​​​​​​Morari Bapu's Ramkatha in Rajkot Ganga donations worth Rs 60 crore flowed

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