मुंबई: सप्ताह के पहले ही दिन भारतीय शेयर बाजार में कोरोना वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स निफ्टी में भारी अंको की गिरावट है। कोरोना वायरस का डर निवेशकों पर हावी नजर आ रहा है।
बंबई शेयर बाजार में कारोबार बहाल होने के बाद गिरावट बरकरार है। सेंसेक्स 3,185.84 अंक लुढ़ककर 26,730.12 व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 923.95 अंक का गोता लगाकर 7,821.50 अंक पर पहुंचा। दुनियाभर के बाजारों में कमजोर कारोबार दिख रहा है।
घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को कारोबार थमने के 45 मिनट बाद फिर शुरू हुआ। इसके बावजूद बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में 3,186 अंक का गोता लगा गया जबकि एनएसई निफ्टी 7,900 के स्तर के नीचे आ गया। कारोबार शुरू होने के पहले घंटे में सेंसेक्स में 10 प्रतिशत की गिरावट और ‘लोअर सर्किट’ को छूने के बाद कारोबार को 45 मिनट के लिये रोक दिया गया था।
बाजार में भारी गिरावट को रोकने के लिये एक स्वचालित व्यवस्था बनायी गयी है। इसके तहत अगर शेयर बाजार दोपहर एक बजे से पहले 10 प्रतिशत गिरता है तो कारोबार को 45 मिनट के लिये रोक दिया जाता है। इस बीच, बाजार में कारोबार शुरू होने के बाद गिरावट का सिलसिला जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 3,185.84 अंक यानी 10.65 प्रतिशत लुढ़क कर 26,730.12 अंक पर पहुंच गया।
कारोबार के दौरान यह 26,645.83 अंक के न्यूनतम स्तर तक गया। इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 923.95 अंक यानी 10.56 प्रतिशत का गोता लगाकर 7,821.50 अंक पर पहुंच गया। एक्सिस बैंक में सर्वाधिक 21 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। इसके अलावा इंडसइंड, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट और कोटक बैंक में गिरावट दर्ज की गयी।
इसके अलावा, आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर देश के शेयर बाजारों ने ब्रोकरों को 30 अप्रैल तक अपने घरों से ही काम करने की अनुमति दी है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार शायद यह पहली बार है कि दलालों को यह सुविधा दी गई है।
बीएसई और एनएसई ने अलग-अलग परिपत्रों में कहा कि उन्होंने ब्रोकरों और कारोबारियों को अधिकृत स्थानों से बाहर टर्मिनल ले जाने की अनुमति दी है। इस कदम से ब्रोकरों को घर से काम करने की सुविधा मिलेगी। शेयर बाजारों ने कहा कि यह व्यवस्था 30 अप्रैल तक या इससे अधिक समय तक जारी रह सकती है। कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए ट्रेडरों और कारोबारियों ने निवारक उपायों के तहत ऐसा करने का सुझाव दिया था, जिसके बाद शेयर बाजारों ने यह कदम उठाया।
बीएसई और एनएसई ने कहा कि शेयर ब्रोकरों के लिए अस्थाई रूप से तय स्थानों के अलावा दूसरी जगह से व्यापारिक टर्मिनलों को संचालित करने की अनुमति होगी। हालांकि, इसके लिए उन्हें कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इन दिशानिर्देशों के तहत शेयर दलालों को किसी भी अनधिकृत व्यापार को रोकने के लिए एक आंतरिक नीति तैयार करनी होगी और मंजूरी प्राप्त उपयोगकर्ताओं की एक सूची शेयर बाजार को देनी होगी।
इसके अलावा टर्मिनल का ब्यौरा, प्रमाणपत्र का विवरण और वैकल्पिक स्थान का पता भी देना होगा। शेयर बाजारों ने कहा, "इस तरह की नीति को सीईओ/ नामित निदेशक/ अनुपालन अधिकारी/ भागीदार/ प्रोप्राइटर जैसे उचित अधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।" परिपत्र में कहा गया, "सदस्यों के पास ऐसे टर्मिनलों की निगरानी के लिए एक तंत्र होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टर्मिनलों को ऐसे वैकल्पिक स्थानों से स्वीकृत उपयोगकर्ता ही संचालित कर रहे हैं।"