आयात शुल्क मूल्य व विनियम दर बढ़ने से विदेशों में बाजार टूटे, सोयाबीन तेल में गिरावट

By भाषा | Updated: September 19, 2021 15:26 IST2021-09-19T15:26:46+5:302021-09-19T15:26:46+5:30

Markets break down due to increase in import duty price and exchange rate, fall in soybean oil | आयात शुल्क मूल्य व विनियम दर बढ़ने से विदेशों में बाजार टूटे, सोयाबीन तेल में गिरावट

आयात शुल्क मूल्य व विनियम दर बढ़ने से विदेशों में बाजार टूटे, सोयाबीन तेल में गिरावट

नयी दिल्ली 19 सितंबर सरकार द्वारा आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि तथा विनिमय दर बढ़ने से विदेशों में बाजार टूट गए, जिससे दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सोयाबीन डीगम, सोया रिफाइंड तथा दिल्ली पामोलिन तेल की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। वहीं कच्चे पाम तेल के भाव में सुधार दर्ज हुआ।

बाजार सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह गुजरात में मूंगफली की आवक कम होने से मूंगफली तेल की कीमतों में मजबूती देखी गई। इसी कारण मूंगफली (तिलहन) के भाव में 115 रुपये का सुधार हुआ।

उन्होंने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली तेल और बिनौला तेल की कीमतों में अंतर बढ़ने से बिनौला तेल की गुजरात में भारी मांग रही। इस कारण बिनौला तेल का भाव में 300 रुपये प्रति क्विंटल के सुधार के साथ बंद हुआ।

सरकार ने खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए देश में पाम तेल का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में पहल की है। इसके अलावा पहले भी आयात शुल्क को कम करने के साथ पामोलीन के प्रतिबंधित आयात को फिर से शुरू किया है।

सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 125 रुपये का लाभ दर्शाता 8,725-8,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,600-8,650 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव 100 रुपये की मजबूती के साथ 17,700 रुपये क्विंटल हो गया।

बाजार सूत्रों ने बताया कि सरसों के ऊंचे भाव के कारण व्यापारियों के पास न के बराबर स्टॉक है और सरसों तेल मिल मालिकों के पास सीमित मात्रा से भी कम स्टॉक है। जो भी भी स्टॉक है वो किसानों के पास है। अगले महीने से हरी सब्जियों का इस्तेमाल बढ़ने के साथ सरसों तेल की मांग बढ़ जाती है।

बाजार विषेशज्ञों का कहना है कि इस बार सरसों की पैदावार दोगुना से अधिक हो सकती है, इसलिए सरकार को बीज की उचित व्यवस्था रखनी चाहिए जिससे मध्य प्रदेश में सोयाबीन बीजों के लिए हुई परेशानी जैसी स्थिति न हो।

सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी के भाव 20-20 रुपये के सुधार के साथ समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 2,670-2,720 रुपये और 2,735-2,865 रुपये प्रति टिन (15 लीटर) पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाना और लूज के भाव क्रमश: 200 रुपये और 100 रुपये का हानि दर्शाते क्रमश: 8,400-8,600 रुपये और 8,200-8,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

दूसरी ओर सोयाबीन डीगम का आयात शुल्क मूल्य बाजार भाव से कम होने के कारण सोयाबीन डीगम तेल में गिरावट आई जिसका असर सोयाबीन के बाकी तेलों पर भी दिखा। सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 140 रुपये, 120 रुपये और 10 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 14,360 रुपये, 14,180 रुपये और 12,900 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली (तिलहन) के भाव में सुधार का रुख रहा और यह 6,850-6,995 रुपये पर रहे। मूंगफली गुजरात 280 रुपये सुधार के साथ 15,750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड का भाव 35 रुपये सुधार के साथ 2,405-2,535 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 30 रुपये बढ़कर 11,430 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली के भाव 20 रुपये घटकर 12,980 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन कांडला तेल 20 रुपये लाभ दर्शाते के साथ 11,920 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

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Web Title: Markets break down due to increase in import duty price and exchange rate, fall in soybean oil

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