व्यापार, पूंजीवाद के खिलाफ नहीं थे महात्मा गांधी: पुस्तक

By भाषा | Updated: October 2, 2021 17:30 IST2021-10-02T17:30:53+5:302021-10-02T17:30:53+5:30

Mahatma Gandhi was not against business, capitalism: Book | व्यापार, पूंजीवाद के खिलाफ नहीं थे महात्मा गांधी: पुस्तक

व्यापार, पूंजीवाद के खिलाफ नहीं थे महात्मा गांधी: पुस्तक

नयी दिल्ली, दो अक्टूबर महात्मा गांधी व्यापार और पूंजीपतियों के खिलाफ नहीं थे, बल्कि व्यापार के प्रति उनका दृष्टिकोण सकारात्मक था। एक नयी पुस्तक में उन्हें एक अप्रत्याशित प्रबंधन गुरु और एक मूल विचारक के रूप में दिखाने का प्रयास किया गया है, जिन्होंने बाजार पूंजीवाद की अवधारणा को समृद्ध किया।

सेवानिवृत्त उद्यमी जेरी राव द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘अर्थशास्त्री गांधी: महात्मा की राजनीतिक अर्थव्यवस्था की जड़ें और प्रासंगिकता’’ गांधी के व्यक्तित्व के एक छिपे हुए पहलू पर प्रकाश डालती है। इस पुस्तक में अर्थशास्त्र और पूंजीवाद पर उनके विचारों को प्रस्तुत किया गया है। इसमें धर्म, नैतिकता, मानव स्वभाव, शिक्षा और समाज पर उनके कुछ विचारों पर भी प्रकाश डाला गया है।

इस किताब में व्यवसाय के प्रति गांधी के सकारात्मक दृष्टिकोण की व्याख्या की गई है। भले ही उन्होंने अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को बहुत कम कर दिया था, बल्कि वे गरीबी के खिलाफ थे और चाहते थे कि प्रत्येक भारतीय भौतिक रूप से आरामदायक जीवन का आनंद उठाए।

लेखक लिखते हैं, ‘‘व्यवसाय, व्यापार और धन के प्रति गांधी का सकारात्मक दृष्टिकोण उनकी जातिगत पृष्ठभूमि का एक हिस्सा हो सकता है। यह उनके कई कार्यों में भी परिलक्षित होता था।

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Web Title: Mahatma Gandhi was not against business, capitalism: Book

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