एमजीएल ने मुंबई के लोगों के दिया झटका, सीएनजी, पीएनजी के दाम बढ़े, दो-दो रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि, जानिए पेट्रोल, डीजल का हाल
By भाषा | Updated: October 5, 2021 17:30 IST2021-10-05T17:28:02+5:302021-10-05T17:30:53+5:30
महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस (पीएनजी) की खुदरा कीमत में तत्काल प्रभाव से दो-दो रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि की है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतें मंगलवार को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गयी।
मुंबईः केंद्र ने पिछले सप्ताह घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमतों में 62 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। उसके बाद महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस (पीएनजी) की खुदरा कीमत में तत्काल प्रभाव से दो-दो रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि की है।
एमजीएल ने एक बयान में कहा कि आपूर्ति पक्ष की लागत में भारी वृद्धि को देखते हुए कंपनी सीएनजी के आधार मूल्य में दो रुपये प्रति किलोग्राम और घरेलू पीएनजी में दो रुपये प्रति इकाई या एससीएम की वृद्धि करने को बाध्य है। यह देखते हुए कि अब री-गैसीफाइड तरलीकृत प्राकृतिक गैस की कीमत भी ऐतिहासिक ऊंचाई पर है, एमजीएल ने कहा कि इन संयोजनों के परिणामस्वरूप गैस की खरीद की लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसने चलते कंपनी कीमत संशोधन का बोझ ग्राहकों पर डालने को बाध्य हुई है।
मुंबई में सभी करों सहित अब सीएनजी 54.57 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। वहीं पीएनजी का स्लैब एक के ग्राहकों के लिए 32.67 रुपये/एससीएम और स्लैब दो ग्राहकों के लिए 38.27 रुपये/एससीएम होगा। इस मूल्य संशोधन के बाद भी सीएनजी, पेट्रोल के मुकाबले 65 प्रतिशत और डीजल की तुलना में 44 प्रतिशत सस्ती बैठेगी। घरेलू पीएनजी, एलपीजी के मुकाबले 34 प्रतिशत सस्ती है।
पेट्रोल, डीजल के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंचे
पेट्रोल और डीजल की कीमतें मंगलवार को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गयी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों के 2014 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद मूल्यों में फिर से बढ़ोतरी के साथ ईंधन के दाम चढ़े हैं। सरकारी खुदरा ईंधन विक्रेताओं की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 30 पैसे की बढ़ोतरी की गयी।
इससे दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 102.64 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 108.67 रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयीं। डीजल की कीमत भी दिल्ली में 91.07 रुपये और मुंबई में 98.80 रुपये के रिकॉर्ड स्तर को छू गयी। स्थानीय करों के आधार पर कीमतें राज्यों में अलग-अलग होती हैं।
एक हफ्ते के भीतर पेट्रोल की कीमतों में छठी वृद्धि के साथ देश के ज्यादातर प्रमुख शहरों में इस ईंधन की कीमत 100 रुपये के पार हो गयी है। इसी तरह, दो हफ्ते से भी कम समय में कीमतों में नौवीं वृद्धि के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कई शहरों में डीजल की कीमत 100 रुपये के ऊपर चली गयी है। बाजार में ऊर्जा की कमी के बावजूद, ओपेक प्लस (तेल उत्पादक देश) द्वारा आपूर्ति की अपनी योजनाबद्ध क्रमिक वृद्धि को बनाए रखने के फैसले के बाद अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतें लगभग सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गयीं।
वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट 81.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। तेल का शुद्ध आयातक होने के नाते, भारत पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार रखता है। एक महीने पहले ब्रेंट 72 डॉलर प्रति बैरल से भी कम था। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने क्रमश: 24 सितंबर और 28 सितंबर से डीजल एवं पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने का सिलसिला फिर से शुरू कर दिया जिसके साथ ही उससे पिछले कुछ समय से मूल्य वृद्धि पर लगी रोक समाप्त हो गयी।
तब से डीजल की कीमत में 2.45 पैसे प्रति लीटर और पेट्रोल में 1.50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि की विपक्षी दलों ने आलोचना की है और मांग की है कि सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए दोनों ईंधनों पर लगाए जा रहे रिकॉर्ड उत्पाद शुल्क में कटौती करे।
सरकार ने अब तक इस मांग की अनदेखी की है। तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को ईंधन की ऊंची कीमतों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। राष्ट्रीय राजधानी में अपने मंत्रालय के एक कार्यक्रम के दौरान ईंधन की कीमतों के बारे में पूछे जाने पर, पुरी ने कहा, "छोड़ो" और इसके बाद वहां से चले गए।