विदेशी बाजारों में तेजी के अनुरूप स्थानीय तेल-तिलहनों के भाव में सुधार

By भाषा | Updated: July 17, 2021 20:23 IST2021-07-17T20:23:14+5:302021-07-17T20:23:14+5:30

Local oil-oilseeds prices improve in line with the rise in foreign markets | विदेशी बाजारों में तेजी के अनुरूप स्थानीय तेल-तिलहनों के भाव में सुधार

विदेशी बाजारों में तेजी के अनुरूप स्थानीय तेल-तिलहनों के भाव में सुधार

नयी दिल्ली, 17 जुलाई विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और त्योहारी मांग निकलने से स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन और सीपीओ तेल सहित खाद्य तेलों के भाव में सुधार दर्ज हुआ।

बाजार सूत्रों ने बताया कि विदेशी बाजारों में तेजी रही। अमेरिका में शुष्क मौसम की वजह से पिछले सप्ताह शनिवार को सोयाबीन का भाव 1,278 डॉलर प्रति टन से बढ़कर अब 1,355 डॉलर हो गया। सरकार के द्वारा 15 जुलाई को सीपीओ और सोयाबीन डीगम पर आयात शुल्क लगभग 100-100 डॉलर कम करने से विदेशों में इन तेलों के भाव तेज कर दिये गये। इसका असर स्थानीय कारोबार पर भी हुआ।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लातूर में सोयाबीन बीज का भाव रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचा। वहां इसका भाव 8,250 रुपये क्विन्टल है जबकि महाराष्ट्र के ही हिंगोली में सोयाबीन का भाव बढ़कर 8,300 रुपये क्विन्टल हो गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार को खाद्य तेलों की लगभग 70 प्रतिशत की कमी को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहना ठीक नहीं है। इस कमी को सिर्फ और सिर्फ घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाकर ही पूरा किया जा सकता है। इसके लिए केवल किसानों को सही प्रोत्साहन और भरोसा देने की आवश्यकता है। देश में खादय तेलों की 70 प्रतिशत कमी को पूरा करने के लिए सरकार को खाद्य तेल के आयात के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने होते हैं। उत्पादन बढ़ाने से भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बंद पड़ी घरेलू तेल मिलें चल पड़ेंगी, लोगों को रोजगार मिलेगा, उपभोक्ताओं को घरेलू स्वास्थ्यप्रद तेल खाने को मिलेगा।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को पामोलीन के आयात पर रोक लगानी चाहिये क्योंकि इससे घरेलू रिफायनिंग कंपनियां बर्बाद हो जायेंगी।

उन्होंने कहा कि विदेशी बाजारों में तेजी और मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल-तिलहन के भाव मजबूत बने रहे। बरसात के मौसम और पर्व त्योहारों और अचार बनाने वाली कंपनियों की स्थानीय मांग से सरसों तेल-तिलहनों के भाव भी काफी मजबूत हो गये। जबकि मांग बढ़ने से बिनौला में सुधार आया। मांग निकलने और विदेशों में खाद्य तेल कीमतों में भारी सुधार की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें भी काफी मजबूत बंद हुईं।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,595 - 7,645 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,795 - 5,940 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,250 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,185 - 2,325 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,445 -2,495 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,545 - 2,655 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,800 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,650 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,400 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,000 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,900 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,000 रुपये।

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Web Title: Local oil-oilseeds prices improve in line with the rise in foreign markets

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