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यह बिजली का नहीं, कोयले का संकट : ऊर्जा मंत्री कल्ला

By भाषा | Updated: October 14, 2021 21:40 IST

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जयपुर, 14 अक्टूबर राजस्थान के ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि मौजूदा बिजली आपूर्ति संकट बिजली का नहीं, कोयले का संकट है, जो कंपनियों द्वारा राजस्थान को समझौते के अनुसार कोल रैक उपलब्ध नहीं कराने के कारण पैदा हुआ है।

डॉ कल्ला ने यहां एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोयले की आपूर्ति में कमी के कारण तापीय बिजली उत्पादन संयत्रों में उत्पादन में आई कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय ऊर्जा एवं कोयला मंत्रालय से लगातार समन्वय किया जा रहा है।

उन्होंने यहां एक बयान में कहा,' वास्तविकता में यह देखा जाए तो राज्य के तापीय बिजली संयंत्रों में विद्युत उत्पादन में गिरावट बिजली का नहीं बल्कि कोयले का संकट है, जो केन्द्र सरकार के स्तर पर कोयले की आपूर्ति में कमी के कारण उत्पन्न हुआ है।'’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोल इंडिया की कंपनियों का राज्य सरकार में कोई बकाया नहीं है, कोयले की आपूर्ति की एवज में प्रदेश द्वारा समयबद्ध भुगतान किया जा रहा है।

कोयले की आपूर्ति में आई कमी के बारे में डॉ. कल्ला ने बताया कि कोल इंडिया की दो कंपनियों एनसीएल तथा एसईसीएल के साथ राजस्थान का प्रतिदिन 11.5 रैक कोयले की आपूर्ति का समझौता है, मगर खदानों में वर्षा का पानी भर जाने के कारण पिछले काफी समय से राजस्थान को यहां के थर्मल प्लांट की दैनिक मांग की तुलना में औसतन 5.38 रैक प्रतिदिन (1 अक्टूबर से 13 अक्टूबर) की ही आपूर्ति की जा रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य को समझौते के अनुसार कोयले की रैक की आपूर्ति कोयला मंत्रालय द्वारा कर दी जाएगी तो यह संकट समाप्त हो जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य को कोल इंडिया की दोनों कंपनियों से 11 रैक प्रतिदिन की एवज में 1 व 2 अक्टूबर को 4-4 रैक, 3 अक्टूबर को 5, 4 अक्टूबर को 6, 5 अक्टूबर को 4, 6 अक्टूबर को 7, 7 अक्टूबर को 6, 8 से 10 अक्टूबर को 5-5, 11 अक्टूबर को 6, 12 अक्टूबर को 7 तथा 13 अक्टूबर को केवल मात्र 6 रैक कोयला इन दोनों कंपनियों के माध्यम से राज्य को मिल पाया।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोल इंडिया की कंपनियों का राज्य सरकार में भुगतान बकाया है, ऐसी भ्रामक बातों को प्रचारित किया जा रहा है, पर वास्तविकता में नेशनल कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) का कोई पैसा बकाया नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कम्पनी को सितम्बर 2021 से अग्रिम भुगतान भी राज्य सरकार की ओर से शुरू किया जा चुका है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से तय समझौते के अनुरूप राज्य को कोयला आपूर्ति नहीं किए जाने के कारण राज्य सरकार द्वारा राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के कोल ब्लॉक परसा ईस्ट एवं कांता बेसिन से कोयले की अतिरिक्त रैक लेने की कार्रवाई की जा रही है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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