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इस बात का अफसोस है कि कुछ किसान समूहों को समझा नहीं पाए : तोमर

By भाषा | Updated: November 19, 2021 20:22 IST

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नयी दिल्ली, 19 नवंबर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया, लेकिन अफसोस जताया कि सरकार कुछ किसान समूहों को कानूनों के लाभों के बारे में समझाने में असफल रही।

इस फैसले की सराहना करते हुए तोमर ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की श्रद्धा और भाईचारे की भावना का भी प्रतिबिंब है क्योंकि आज गुरु नानक जयंती भी है।

तोमर ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा राष्ट्रहित और जनभावना को हर चीज से ऊपर रखा है और यह फैसला उनके बड़े दिल को भी दर्शाता है।

कृषि कानूनों को निरस्त करने के अलावा मोदी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की और साथ ही शून्य बजट आधारित कृषि को बढ़ावा देने के तरीके भी सुझाए।

तोमर ने कहा कि समिति का गठन कृषि के प्रति प्रधानमंत्री के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ-साथ किसानों के प्रति उनकी संवेदनशीलता का भी संकेत है।

एक वीडियो संदेश में कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार तीन नए कृषि कानून लाकर कृषक समुदाय की दिक्कतों को दूर करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि पिछले साल संसद द्वारा पारित किए गए ये कानून निश्चित रूप से किसानों को लाभान्वित करते। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के पीछे प्रधानमंत्री का मंतव्य किसानों के जीवन में ‘क्रांतिकारी बदलाव’ लाना था।

तोमर ने कहा, ‘‘मुझे दुख है कि हम कुछ किसानों को इन कानूनों के लाभ के बारे में समझाने में सफल नहीं हुए।’’

प्रधानमंत्री ने हमेशा इन कानूनों के जरिये कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने की कोशिश की। लेकिन ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि कुछ किसानों को इन कानूनों से दिक्कतें हुईं। उन्होंने कहा कि सरकार ने तार्किक रूप से चर्चा करने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाया।

मंत्री ने कहा, ‘‘हमने समझाने की कोशिश की लेकिन हम सफल नहीं हुए।’’ उन्होंने कहा कि सरकार पिछले सात वर्षों से कृषि और किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

तोमर ने वर्ष 2014 से कृषि क्षेत्र के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि सरकार ने उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने का फैसला किया है, इससे खरीद दोगुनी हो गई है।

छोटे किसानों की आय को समर्थन देने के लिए सरकार ने पीएम-किसान योजना शुरू की है, जिसके तहत अब तक किसानों को 1.62 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।

पिछले सात वर्षों में फसल ऋण को दोगुना कर दिया गया है, जबकि किसान क्रेडिट कार्ड कवरेज का भी विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि करीब एक लाख करोड़ रुपये का अवसंरचना कोष (इंफ्रास्ट्रक्चर फंड) भी स्थापित किया गया है।

अब सरकार ने 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इन तीनों कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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