इसरो विज्ञान, गणित, अंतरिक्ष शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए देश के 100 अटल टिंकरिंग लैब को अपनाएगा
By भाषा | Updated: January 11, 2021 23:09 IST2021-01-11T23:09:40+5:302021-01-11T23:09:40+5:30

इसरो विज्ञान, गणित, अंतरिक्ष शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए देश के 100 अटल टिंकरिंग लैब को अपनाएगा
नयी दिल्ली, 11 जनवरी नीति आयोग ने सोमवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) स्कूली छात्रों के लिए एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग अैर गणित), अंतरिक्ष शिक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित नवप्रवर्तनों के क्षेत्र में शिक्षण-प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए देश के 100 अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) अपनाएगा।
आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘अटल नवप्रवर्तन मिशन (एआईएम), नीति आयोग और इसरो ने घोषणा की कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन देश के 100 अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) अपनाएगा। इसके तहत इसरो स्कूल के छात्रों के लिए एसटीईएम, अंतरिक्ष शिक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित नवप्रर्वतन के क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देगा।’’
एआईएम देश में नवप्रवर्तन और उद्यमिता को बढ़ावा देने का सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
‘ऑनलाइन’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि सरकार के विभिन्न विभाग और मंत्रालय आत्मनिर्भर भारत के सृजन के लिए समन्वय के साथ काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘नीति आयोग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बीच यह सहयोग इस प्रकार के प्रयासों का एक प्रमुख उदाहरण है।’’
इस अवसर पर इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन ने यह उम्मीद जाहिर की कि इस कदम से नवप्रवर्तन और स्कूली बच्चों को परम्परागत शिक्षण के मुकाबले प्रयोगात्मक शिक्षण की भावना को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।