INX मीडिया केस: कार्ति चिदंबरम के CA एस भास्करन को मिली जमानत
By स्वाति सिंह | Updated: March 13, 2018 17:03 IST2018-03-13T17:02:48+5:302018-03-13T17:03:35+5:30
एस भास्करन को शुक्रवार (16 फरवरी) को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले अदालत ने पूर्व मीडिया शख्सियत इंद्राणी मुखर्जी को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।

INX मीडिया केस: कार्ति चिदंबरम के CA एस भास्करन को मिली जमानत
नई दिल्ली, 13 मार्च: आईएनएक्स मीडिया मामले मंगलवार को कार्ति चिदंबरम के सीए एस भास्करन को हाईकोर्ट से जमानत मिली है। एस भास्करन को शुक्रवार (16 फरवरी) को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले अदालत ने पूर्व मीडिया शख्सियत इंद्राणी मुखर्जी को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
#INXMediaCase: Delhi Court grants bail to #KartiChidambram's Chartered Accountant S Bhaskararaman pic.twitter.com/EcfI2157mF
— ANI (@ANI) March 13, 2018
INX मीडिया केस: ED ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में गुहार, कहा- नहीं दी जाए कार्ति को राहत
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को राहत ना दी जाए। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कार्ति की गिरफ्तारी पर 20 मार्च तक रोक लगाई है। ईडी की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 मार्च को सुनवाई करेगा। ईडी ने अपनी याचिका में कहा है कि अगर कार्ति चिदंबरम को रहत मिलेगी तो नीरव मोदी जैसे लोगों पर कार्रवाई कैसे होगी। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई से कार्ति चिदंबरम के फाइल की रिपोर्ट और याचिका पर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने 16 मार्च तक का समय दिया है।
कार्ति चिदंबरम पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कथित रूप से मुम्बई के आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से हरी झंडी दिलाने के नाम पर 3.5 करोड़ रुपये लिए थे। उस समय आईएनएक्स मीडिया को इंद्राणी मुखर्जी और पीटर संचालित कर रहे थे। ये दोनों शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी हैं। दर्ज एफआईआर में पी चिदंबरम का उल्लेख नहीं है, यद्यपि मामले के अनुसार उन्होंने 18 मई 2007 को एफआईपीबी बैठक में कंपनी में 4. 62 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को एफआईपीबी स्वीकृति दी थी। हालांकि कार्ति ने आरोपों को सिरे से गलत बताया है।