उप्र में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्षेत्र में तीन वर्ष् में प्राप्त हुआ 20,000 करोड़ रुपये के निवेश

By भाषा | Updated: December 12, 2020 17:13 IST2020-12-12T17:13:31+5:302020-12-12T17:13:31+5:30

Investments worth Rs 20,000 crore received in three years in the electronics manufacturing sector in Uttar Pradesh | उप्र में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्षेत्र में तीन वर्ष् में प्राप्त हुआ 20,000 करोड़ रुपये के निवेश

उप्र में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्षेत्र में तीन वर्ष् में प्राप्त हुआ 20,000 करोड़ रुपये के निवेश

लखनऊ, 12 दिसंबर उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने 2017 में घोषित नीति के तहत तीन साल में सूचना प्रौद्योगिकी :आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स: विनिर्माण क्षेत्र में बीस हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य हासिल किया है। राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में अगले पांच वर्ष में 40,000करोड़ रुपये के निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य है।

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार के गठन के पश्चात् दिसम्बर 2017 में घोषित ‘‘उप्र इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग नीति ’’ में प्रदेश में इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर में निवेश आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को ‘‘इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग जोन’’ घोषित किया गया था। नीति के अन्तर्गत बीस हजार करोड़ रूपये के निवेश के लक्ष्य को 3 साल में ही लगभग 30 निवेशको द्वारा प्रदेश में निवेश प्राप्त कर अर्जित कर लिया गया है तथा तीन लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। शर्मा के पास सूचना प्रौद्योगिकी विभाग भी है ।

उन्होंने कहा कि चीन, ताइवान तथा कोरिया की अनेक प्रतिष्ठित कम्पनियॉं उत्तर प्रदेश में अपनी इकाईयां स्थापित करने के लिये आकृष्ट हो रही हैं। एक ओवरसीज प्रतिष्ठित कम्पनी द्वारा ग्रेटर नोएडा के 100 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर ‘‘ईएमसी’’ विकसित किया जा रहा है, जिसमें उत्पादन इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इस नीति के फलस्वरूप नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र भारत के इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं।

एक सरकारी बयान के मुताबिक शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने नई ‘‘उप्र इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग नीति 2020’’घोषित की है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को प्रदेश के सभी क्षेत्रों में एक समान विकास के लिए सम्पूर्ण राज्य को शामिल किया गया है। नई नीति में अगले पांच वर्षों में चालीस हजार करोड़ रूपये के निवेश और चार लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य है।

नीति के अन्तर्गत प्रदेश में तीन इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स की स्थापना के अनुरूप यमुना एक्सप्रेसवे में जेवर एयरपोर्ट के समीप एक इलेक्ट्रानिक सिटी की स्थापना, बुन्देलखण्ड में डिफेंस इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा लखनऊ.उन्नाव.कानपुर जोन में मेडिकल इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।

शर्मा ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लगभग 200 करोड़ रूपये के निवेश तथा लगभग 15 हजार रोजगार की सम्भावनाओं से युक्त आईटी पार्कस की स्थापना भारत सरकार की संस्था सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कस ऑफ इण्डिया (एसटीपीआई) के सहयोग से की जा रही है।

मेरठ, आगरा, गोरखपुर एवं वाराणसी में आगामी वर्ष में इन आईटी पार्कों में संचालन प्रारम्भ होना सम्भावित है।

लखनऊ में 40 एकड़ भूमि पीपीपी मॉडल पर ‘‘अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी काम्प्लेक्स’’के अन्तर्गत एक आईटी पार्क और 4 एकड़ भूमि पर एसटीपीआई द्वारा देश का सबसे बड़ा इन्क्यूबेशन सेन्टर बनाये जाने की योजना है। इसके अतिरिक्त कानपुर, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आजमगढ़ तथा झांसी में भी आईटी पार्कों के विकास हेतु कार्यवाही की जा रही है।

शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की पहल के फलस्वरूप प्रदेश में आईआईएम लखनऊ,आईआईटी कानपुर, आईआईटी बीएचयू,अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय,केआईईटी गाजियाबाद जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में 18 इन्क्यूबेटर्स उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अनुमोदन के उपरान्त प्रारम्भ हो गये हैं।

प्रदेश में 3300 से अधिक स्टार्ट.अप इकाइयां क्रियाशील हो चुकी हैं। इन्क्यूबेटर्स और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल आरम्भ किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा स्टार्ट.अप इकाइयों के वित.पोषण के लिए सिडबी के साथ एक हजार करोड. रूपये के स्टार्ट.अप फण्ड तथा ‘यूपी एन्जेल नेटवर्क’’की स्थापना की गई है।

प्रदेश सरकार द्वारा ‘‘उप्र स्टार्टअप नीति.2020’’ के अन्तर्गत प्रदेश में गैर.आईटी क्षेत्रों जैसे कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन इत्यादि क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने हेतु प्राविधान किए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र स्टेट डाटा सेन्टर पर एक डीबीटी पोर्टल विकसित तथा होस्ट किया गया है। डीबीटी पोर्टल पर वर्तमान में प्रदेश सरकार के 27 विभागों की 130 डीबीटी योजनाओं को आनबोर्ड किया गया है।वित्तीय वर्ष 2020.21 में 56 हजार करोड़ रूपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में उपलब्ध कराई गई है।

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