बाजार में मंदी के बीच पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के लिए एक चिंता बढ़ाने वाला आंकड़ा सामने आया है। भारत सरकार के ही आंकड़ों के अनुसार अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। औद्योगिक उत्पादन में यह गिरावट 1.1 प्रतिशत की हुई है। इस साल जुलाई में ये 4.3 प्रतिशत थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के आधार पर मापी जाने वाली औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर पिछले साल यानी जुलाई- 2018 में 6.5 प्रतिशत रही थी।
IIP का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्व होता है। इससे पता चलता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक वृद्धि किस गति से हो रही है। अगस्त, 2018 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढ़ा था। आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 77 प्रतिशत है। समीक्षाधीन महीने में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत नीचे आया।
अगस्त, 2018 में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 7.6 प्रतिशत बढ़ा था। वहीं खनन क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि 0.1 प्रतिशत पर स्थिर रही। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त की अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 2.4 प्रतिशत रह गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रही थी।