Inflation: मुद्रास्फीति अगस्त में लगातार तीसरे महीने घटकर 12.41 प्रतिशत पर, खाद्य वस्तुओं के दामों में तेजी, जानें जुलाई का हाल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 14, 2022 14:29 IST2022-09-14T14:28:20+5:302022-09-14T14:29:07+5:30
Inflation: पिछले साल अगस्त में 11.64 फीसदी थी। डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में लगातार तीसरे महीने गिरावट का रुख देखने को मिला है। इससे पहले पिछले साल अप्रैल से लगातार 17वें महीने में यह दहाई अंकों में रही।

ईंधन और बिजली में महंगाई दर अगस्त में 33.67 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने 43.75 फीसदी थी।
नई दिल्लीः विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में नरमी होने से थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में लगातार तीसरे महीने घटकर 12.41 प्रतिशत पर आ गई। खाद्य वस्तुओं के दामों में तेजी के बावजूद मुद्रास्फीति का आंकड़ा घटा है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने, जुलाई में 13.93 फीसदी थी।
यह पिछले साल अगस्त में 11.64 फीसदी थी। डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में लगातार तीसरे महीने गिरावट का रुख देखने को मिला है। इससे पहले पिछले साल अप्रैल से लगातार 17वें महीने में यह दहाई अंकों में रही। डब्ल्यूपीआई इस वर्ष मई में 15.88 फीसदी के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी।
India's wholesale inflation eases further in August but still in double-digit
— ANI Digital (@ani_digital) September 14, 2022
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अगस्त में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 12.37 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो जुलाई में 10.77 प्रतिशत थी। समीक्षाधीन महीने में सब्जियों के दाम जुलाई में घटकर 22.29 फीसदी पर आ गए, जो पिछले महीने 18.25 फीसदी पर थे। ईंधन और बिजली में महंगाई दर अगस्त में 33.67 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने 43.75 फीसदी थी।
विनिर्मित उत्पादों और तिलहन की मुद्रास्फीति क्रमशः 7.51 प्रतिशत और नकारात्मक 13.48 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक मुख्य रूप से मौद्रिक नीति के जरिए मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखता है। खुदरा मुद्रास्फीति लगातार आठवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय लक्ष्य से ऊपर रही।
अगस्त में यह 7 प्रतिशत पर थी। महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस साल प्रमुख ब्याज दर को तीन बार बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने 2022-23 में खुदरा मुद्रास्फीति के 6.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है।