वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण भारतीय चीनी मिलें आगे निर्यात अनुबंध नहीं कर रहीं: इस्मा

By भाषा | Updated: December 2, 2021 19:51 IST2021-12-02T19:51:38+5:302021-12-02T19:51:38+5:30

Indian sugar mills not signing further export contracts due to fall in global prices: ISMA | वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण भारतीय चीनी मिलें आगे निर्यात अनुबंध नहीं कर रहीं: इस्मा

वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण भारतीय चीनी मिलें आगे निर्यात अनुबंध नहीं कर रहीं: इस्मा

नयी दिल्ली, दो दिसंबर चीनी की वैश्विक कीमतों में कमी के कारण चालू विपणन वर्ष 2021-22 में भारतीय चीनी मिलें आगे कोई निर्यात अनुबंध नहीं कर रही हैं। उद्योग निकाय इस्मा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

इस्मा ने कहा कि स्थानीय गन्ना मूल्य में वृद्धि और चीनी की मौजूदा घरेलू कीमतों (मिलों में) के कारण चीनी उत्पादन की उच्च लागत को देखते हुए, चीनी मिलें केवल तभी आगे निर्यात के लिए वैश्विक बाजार में प्रवेश कर सकती हैं, जब अंतरराष्ट्रीय कीमतें लगभग 21 सेंट प्रति पाउंड तक बढ़ जायें। अभी यह 20 सेंट (लगभग 12.73 रुपया) प्रति पाउंड (लगभग 0.45 किलो) से नीचे हैं।

प्रमुख चीनी संगठन ने एक बयान में कहा कि इस साल अब तक, भारतीय चीनी मिलों ने पहले ही 35 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए अनुबंध किया है और इसमें से अधिकांश पर तब हस्ताक्षर किए गए थे जब कच्ची चीनी की वैश्विक कीमतें 20-21 सेंट प्रति पाउंड के दायरे में चल रही थीं।

चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा, ‘‘हालांकि, कच्ची चीनी के वैश्विक कीमतों के 20 सेंट से नीचे की गिरावट और अब लगभग 18.6 सेंट प्रति पाउंड रहने के साथ, भारतीय चीनी मिलें आगे के निर्यात अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए आगे नहीं आ रही हैं।’’

चीनी के 35 लाख टन के निर्यात की खेप के लिए किए गए अधिकतर निर्यात अनुबंध महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों ने किये हैं।

इस्मा ने आगे कहा कि देश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों की तुलना में उत्तर भारत में चीनी की एक्स-मिल कीमतें थोड़ी अधिक हैं, और इसलिए उत्तरी क्षेत्र से कई निर्यात अनुबंध नहीं हो पाए हैं।

इस्मा के अनुसार, चालू 2021-22 विपणन वर्ष के नवंबर तक पहले दो महीनों में देश भर में चीनी का उत्पादन 47.21 लाख टन तक पहुंच गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 43.02 लाख टन था।

पश्चिमी भारत में गन्ने की पेराई जल्दी शुरू होने के कारण अब तक का उत्पादन अधिक है।

महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन इस साल नवंबर तक बढ़कर 20.34 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 15.79 लाख टन था।

उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पहले के 12.65 लाख टन के मुकाबले 10.39 लाख टन यानी कम रहा, जबकि कर्नाटक में, उत्पादन बढ़कर 12.76 लाख टन हो गया, जो पहले 11.11 लाख टन था।

इस्मा ने कहा कि अन्य सभी राज्यों में भी पेराई का काम शुरू हो गया है और पेराई की गति तेज हो रही है।

उद्योग निकाय ने कहा कि एथेनॉल निर्माताओं ने 2021-22 एथेनॉल वर्ष (दिसंबर-नवंबर) के लिए हाल ही में खोली गई बोलियों में 414 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति तेल विपणन कंपनियों को करने की पेशकश की हैं।

इस्मा ने यह भी साझा किया कि तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने और 142 करोड़ लीटर एथेनॉल के लिए दूसरा अभिरुचि पत्र जारी किया है जिसके लिए बोली जमा करने की अंतिम तिथि इस साल तीन दिसंबर तक है।

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Web Title: Indian sugar mills not signing further export contracts due to fall in global prices: ISMA

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