नयी दिल्ली, 22 जनवरी देश में आधार-कार्ड के ‘वास्तुकार’ नंदन नीलेकणि का मानना है कि अपनी विशाल आबादी को कोविड-19 से बचाव के लिए चलाए जा रहे भरोसेमंद टीकाकरण अभियान से भारत दुनिया के लिए एक ‘आदर्श उदाहरण’ बनेगा।
नीलेकणि से शुक्रवार को कहा कि देश में नागरिकों को टीका लगाने के लिए मौजूदा समय में प्रणालीगत तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं। ‘किस तरह से भरोसेमंद तरीके से इतने बड़े स्तर पर एक अरब लोगों का टीकाकरण किया जाए, इस मामले भारत दुनिया के लिए आदर्श प्रस्तुत कर करेगा।
इन्फोसिस के सह-संस्थापक ने कहा कि महामारी की वजह से उपभोक्ता के व्यवहार में बदलाव आया है और विभिन्न क्षेत्रों मसलन स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में डिजिटल सेवाओं की स्वीकार्यता बढ़ी है। इससे स्टार्टअप के लिए उपभोक्ता जुटाने की लागत घटी है।
रेडसीर के ग्राउंड जीरो 4.0 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीलेकणि ने कहा कि तेजी से बढ़ती इंटरनेट पहुंच और डिजिटल सेवाओं की स्वीकार्यता बढ़ने के बीच बड़े अवसर पैदा हुए हैं, जिससे हम भारत में काम करने का एक बड़ा पैमाना बना सकते हैं।
नीलेकणि ने कहा कि मौजूदा टीकाकरण स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन कर्मचारियों पर केंद्रित है, लेकिन अगले चार से पांच माह में देश में वैक्सीन का उत्पादन देश की पूरी आबादी की जरूरत से ऊपर होगा।
नीलेकणि ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण यह है कि टीकाकरण को तत्काल आधार पर पहचान के सत्यापन के साथ ऑनलाइन रिकॉर्ड किया जाए। इससे हम टीका लगवाने वाले लोगों को यह संदेश दे सकेंगे कि उन्हें अगले दौर के लिए तीन सप्ताह में दोबारा आना है। प्रत्येक को टीकाकरण प्रमाणन जारी किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने यह अच्छा काम किया है कि टीका लगवाने वाले लोगों को डिजिटल टीकाकरण प्रमाणन दिया जा रहा है। इसे मोबाइल में स्टोर किया जा सकता है और जब जरूरत हो व्यक्ति उसे दिखा सकता है।
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