भारत को और सुधारों की जरूरत, राज्यों को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए: कांत

By भाषा | Updated: December 8, 2020 21:30 IST2020-12-08T21:30:44+5:302020-12-08T21:30:44+5:30

India needs more reforms, states should play leading role: Kant | भारत को और सुधारों की जरूरत, राज्यों को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए: कांत

भारत को और सुधारों की जरूरत, राज्यों को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए: कांत

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि भारत में कड़े सुधारों को लागू करना कठिन होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये और बड़े सुधारों की जरूरत है।

स्वराज्य पत्रिका के कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि पहली बार केंद्र ने खनन, कोयला, श्रम, कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में कड़े सुधारों को आगे बढ़ाया है। अब राज्यों को सुधारों के अगले चरण को आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के संदर्भ में कड़े सुधारों को लागू करना बहुत मुश्किल है। इसकी वजह यह है कि चीन के विपरीत हम एक लोकतांत्रिक देश हैं ... हमें वैश्विक चैंपियन बनाने पर जोर देना चाहिए। आपको इन सुधारों (खनन, कोयला, श्रम, कृषि) को आगे बढ़ाने के लिये राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है और अभी भी कई सुधार हैं, जिन्हें आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि कड़े सुधारों को आगे बढ़ाये बिना चीन से प्रतिस्पर्धा करना आसान नहीं है।

कांत ने कहा, ‘‘इस सरकार ने कड़े सुधारों को लागू करने के लिये राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखायी है।’’

नीति आयोग के सीईओ ने इस बात पर जोर दिया कि अगले दौर के सुधारों के लिये अब राज्यों को आगे आना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर 10-12 राज्य उच्च दर से वृद्धि करेंगे, तब इसका कोई कारण नहीं कि भारत उच्च दर से विकास नहीं करेगा। हमने केंद्र शासित प्रदेशों से वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिये कहा है। वितरण कंपनियों को अधिक प्रतिस्पर्धी होना चाहिए और सस्ती बिजली उपलब्ध करानी चाहिए।’’

मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसानों के नये कृषि कानूनों को लेकर विरोध-प्रदर्शन से जुड़े सवाल के जवाब में कांत ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह समझना जरूरी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था बनी रहेगी, मंडियों में जैसे काम होता है, वैसे ही होता रहेगा.. किसानों के पास अपनी रूचि के हिसाब से अपनी उपज बेचने का विकल्प होना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें लाभ होगा।

भारत में इलेक्ट्रिक बैटरियों के विनिर्माण के लिये कच्चे माल की खरीद के बारे में कांत ने कहा कि लिथियम (बैटरी विनिर्माण में उपयोग होने वाला) की उपलब्धता आस्ट्रेलिया समेत पूरी दुनिया में है।

कांत ने कहा, ‘‘हमें लिथियम की कमी की कोई आशंका नहीं है।’’

मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि यह खुद में सिमटने की बात नहीं है बल्कि भारतीय कंपनियों की क्षमता, संभावनों को बाहर लाने के लिये है।

कांत ने कहा कि सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) के लिये 10 क्षेत्रों की पहचान की है। ये क्षेत्र भारत को विनर्माण केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और देश के लिये पैमाने की मितव्ययिता लाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘पीएलआई योजना इन क्षेत्रों में निर्यात को लेकर 4 से 5 साल के लिये बड़ा अवसर उपलब्ध कराने जा रही है।’’

कांत ने कहा कि भारत को प्रौद्योगिकी के मामले में लंबी छलांग लगाने की जरूरत है। देश के लिये उभरते क्षेत्रों में आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने देश में ‘लॉजिस्टिक’ लागत में कमी लाने की जरूरत को भी रेखांकित किया।

कांत ने कहा कि देश को सतत और बेहतर तरीके से नियोजित शहरीकरण की ओर बढ़ना है जो वृद्धि के लिहाज से प्रमुख चालक साबित होगा।

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Web Title: India needs more reforms, states should play leading role: Kant

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