भारत ने अमेरिका की अदालत से केयर्न का 1.2 अरब डॉलर दावे का मुकदमा खारिज करने को कहा

By भाषा | Updated: August 17, 2021 18:52 IST2021-08-17T18:52:53+5:302021-08-17T18:52:53+5:30

India asks US court to dismiss Cairn's $1.2 billion claim suit | भारत ने अमेरिका की अदालत से केयर्न का 1.2 अरब डॉलर दावे का मुकदमा खारिज करने को कहा

भारत ने अमेरिका की अदालत से केयर्न का 1.2 अरब डॉलर दावे का मुकदमा खारिज करने को कहा

भारत सरकार ने वाशिंगटन की एक संघीय अदालत से ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी के उस मुकदमे को खारिज करने को कहा है, जिसमें मध्यस्थता न्यायाधिकरण के कंपनी को 1.2 अरब डॉलर का भुगतान करने का आदेश लागू करने की मांग की गयी है। भारत सरकार ने कहा कि उसे अमेरिकी कानून के तहत संप्रभु छूट है। केयर्न ने मई में एक अमेरिकी संघीय अदालत से कहा था कि वह मध्यस्थता न्यायाधिकरण के एयर इंडिया को उसे 1.26 अरब डॉलर देने के आदेश का पालन करने के लिए बाध्य करे। न्यायाधिकरण ने दिसंबर, 2020 में केयर्न के पक्ष में यह आदेश दिया था। सरकार ने 13 अगस्त को डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया की अमेरिकी जिला अदालत में एक 'मोशन टू डिसमिस' याचिका दायर की, जिसमें कहा कि केयर्न और भारतीय कर प्राधिकरण के बीच विवाद उसके न्यायाधिकार क्षेत्र में नहीं आता। पीटीआई-भाषा ने इस याचिका की एक प्रति देखी है। इससे पहले भारत की संसद ने इस महीने की शुरुआत में एक संशोधन कानून पारित कर 2012 के पूर्व तिथि से कर लगाने संबंधी कानून के प्रावधान को निरस्त कर दिया। इस कानून के तहत सरकार को 50 साल पुराने मामले में भी कर लगाने की ताकत दी गई थी। ऐसे मामले जहां विदेशों में बैठकर कंपनियों के मालिकाना हक में बदलाव हुआ और पूंजीगत लाभ की प्राप्त हुई लेकिन ऐसी कंपनियों का ज्यादातर कारोबार भारत में था। वर्ष 2012 के इस कानून का इस्तेमाल केयर्न एनर्जी पर 10,247 करोड़ रुपये सहित 17 कंपनियों पर कुल मिलाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये का कर लगाने के लिये किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी कर मांगों को वापस लेने के लिए नियम बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। एक अधिकारी ने कहा, "पूर्वव्यापी कर मांगों को छोड़ने की जरूरतों में से एक यह है कि संबंधित पक्षों को सरकार/कर विभाग के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेने के लिए शपथ पत्र देना होगा। इसलिए, जब यह सब प्रक्रियारत है, सरकार को किसी भी कानूनी मामले में जवाब देना होगा, जहां ऐसा करने के लिए समयसीमा है। आयकर विभाग ने केयर्न की उसकी पूर्व भारतीय इकाई में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेच दिया, उसके 1,140 करोड़ रुपये के लाभांश को भी जब्त कर लिया। साथ ही 1,590 करोड़ रुपये के कर रिफंड को भी रोक लिया गया था। केयर्न ने मामले को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण में चुनौती दी जिसने पिछले साल दिसंबर में सरकार के कदम को गलत करार दिया और पूरी राशि लौटाने का आदेश दिया। सरकार के मध्यस्थता अदालतों के फैसले को मानने से इनकार करने के बाद केयर्न ने विदेशों में स्थित भारतीय संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी करनी शुरू कर दी थी। ताकि वह अपनी राशि वसूल कर सके। मई में उसने एयर इंडिया को अमेरिका की अदालत में घसीटा जबकि पिछले महीने भारत सरकार की रियल एस्टेट संपत्ति को जब्त करने को लेकर फ्रांस की अदालत से आदेश हासिल कर लिया।

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Web Title: India asks US court to dismiss Cairn's $1.2 billion claim suit

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