भारत ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से सऊदी अरब के साथ तेल आयात अनुबंधों की समीक्षा को कहा

By भाषा | Updated: April 2, 2021 16:45 IST2021-04-02T16:45:28+5:302021-04-02T16:45:28+5:30

India asks public sector companies to review oil import contracts with Saudi Arabia | भारत ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से सऊदी अरब के साथ तेल आयात अनुबंधों की समीक्षा को कहा

भारत ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से सऊदी अरब के साथ तेल आयात अनुबंधों की समीक्षा को कहा

नयी दिल्ली, दो अप्रैल कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती को लेकर सऊदी अरब के साथ तनाव के बीच भारत ने अपनी सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों से इस पश्चिम एशियाई देश से कच्चे तेल की खरीद के करार की समीक्षा करने को कहा है। सरकार ने इन कंपनियों से कहा है कि वे सऊदी अरब के साथ कच्चे तेल के आयात के अनुबंध में अनुकूल शर्तों के लिए वार्ता करें। एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कच्चे तेल के उत्पादकों के गठजोड़ को तोड़ने तथा कीमतों और अनुबंधों की शर्तों को अनुकूल करने के लिए सरकार ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) से कहा है कि वे पश्चिम एशिया के बाहर से कच्चे तेल की आपूर्ति पाने का प्रयास करें और सामूहिक रूप से अधिक अनुकूल शर्तों के लिए बातचीत करें।

भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात से पूरा करता है। वैश्विक स्तर पर आपूर्ति तथा कीमतों में उतार-चढ़ाव से भारत पर भी असर पड़ता है। फरवरी में कच्चे तेल के दाम फिर बढ़ने शुरू हुए थे। उस समय भारत ने सऊदी अरब से उत्पादन नियंत्रण पर अंकुश कुछ खोलने को कहा था, लेकिन उसने भारत के आग्रह को नजरअंदाज कर दिया था। उसी के बाद भारत अपनी आपूर्ति के विविधीकरण कर प्रयास कर रहा है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘परंपरागत रूप से सऊदी अरब और पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के उत्पादक हमारे प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। लेकिन उनकी शर्तें सामान्य तौर पर खरीदारों के खिलाफ होती हैं।’’

अधिकारी ने बताया कि भारतीय कंपनियां अपनी दो-तिहाई खरीद मियादी या निश्चित वार्षिक अनुबंध के आधार पर करती हैं। अधिकारी ने कहा कि इन करार में अनुबंधित मात्रा की आपूर्ति सुनिश्चित होती हैं, लेकिन कीमतें और अन्य शर्तें आपूर्तिकर्ता के पक्ष में झुकी होती हैं।

अधिकारी ने कहा कि खरीदार को अनुबंधित मात्रा की पूरी खरीद करनी होती है, लेकिन ओपेक द्वारा कीमतों को बढ़ाने के लिए उत्पादन को कृत्रिम रूप से कम करने का फैसला किए जाने के बाद सऊदी अरब और अन्य उत्पादकों के पास आपूर्ति घटाने का विकल्प होता है। अधिकारी ने कहा, ‘‘ओेपेक के फैसले की कीमत उपभोक्ता क्यों चुकाये? यदि हम उठाव के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो उन्हें भी आपूर्ति पूरी करनी चाहिए, चाहे स्थिति कैसी भी हो।

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि खरीदार को किसी भी महीने वार्षिक अनुबंध में निर्धारित मात्रा में से जो तेल उठाना होता है उसकी सूचना कम से कम छह सप्ताह पहले देनी होती है जबकि खरीदार को उत्पादक द्वारा घोषित औसत आधिकारिक दर पर भुगतान करना पड़ता है।

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Web Title: India asks public sector companies to review oil import contracts with Saudi Arabia

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