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केंद्र सरकार को राहत, औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी, फरवरी में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि

By भाषा | Updated: April 9, 2020 18:47 IST

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक किसी अर्थव्यवस्था के औद्योगिक क्षेत्र में किसी खास अवधि में उत्पादन के स्थिति के बारे में जानकारी देता है। भारत में हर माह इस सूचकांक के आंकड़े जारी किए जाते हैं। ये आंकड़े आधार वर्ष के मुकाबले उत्पादन में बढ़ोतरी या कमी के संकेत देते हैं। 

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ठळक मुद्देविनिर्माण उत्पादन इस साल फरवरी में 3.2 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 0.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।बिजली उत्पादन आलोच्य महीने में 8.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि फरवरी 2019 में इसमें 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

नई दिल्लीः देश के औद्योगिक उत्पादन में इस साल फरवरी के दौरान 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो पिछले सात महीने में सर्वाधिक है। मुख्य रूप से खनन, विनिर्माण गतिविधियों के साथ बिजली उत्पादन में वृद्धि से औद्योगिक उत्पादन बढ़ा है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित इन आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल फरवरी में आईआईपी में केवल 0.2 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

इससे पहले, जुलाई 2019 में आईआईपी में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी। औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल अगस्त में 1.4 प्रतिशत, सितंबर में 4.6 प्रतिशत तथा अक्टूबर में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। इसके बाद नवंबर में 2.1 प्रतिशत, दिसंबर में 0.1 प्रतिशत और जनवरी 2020 में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इससे पहले पिछले महीने के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2020 में आईआईपी में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) आंकड़े के अनुसार विनिर्माण उत्पादन इस साल फरवरी में 3.2 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 0.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। बिजली उत्पादन आलोच्य महीने में 8.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि फरवरी 2019 में इसमें 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। खनन क्षेत्र का उत्पादन इस साल फरवरी में 10 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 2.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान आईआईपी वृद्धि दर घटकर 0.9 प्रतिशत रही जबकि इससे पूर्व 2018-19 की इसी अवधि में इसमें 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आंकड़े के अनुसार पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन इस साल फरवरी में 9.7 प्रतिशत घटा जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 9.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन को निवेश का आईना माना जाता है। उपयोग के आधार पर वर्गीकृत प्राथमिक वस्तुओं में आलोच्य माह के दौरान 7.4 प्रतिशत, मध्यवर्ती वस्तुओं में 22.4 प्रतिशत और बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुओं में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में इस साल फरवरी में 6.4 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामान में वृद्धि स्थिर रही। उद्योग के संदर्भ में विनिर्माण क्षेत्र के 23 औद्योगिक समूह में से 13 में फरवरी 2020 में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी। भाषा रमण मनोहर महाबीर महाबीर

 

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