उम्मीद से 'काफी कमजोर' है भारत की आर्थिक वृद्धि, जारी करेंगे नए आंकड़ेः IMF ने चेताया
By भाषा | Published: September 13, 2019 07:48 AM2019-09-13T07:48:48+5:302019-09-13T07:48:48+5:30
आईएमएफ ने बृहस्पतिवार को कहा कि कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से ‘‘काफी कमजोर’’ है।
आईएमएफ ने बृहस्पतिवार को कहा कि कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से ‘‘काफी कमजोर’’ है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हालांकि कहा कि इसके बावजूद भारत चीन से बहुत आगे और विश्व की सबसे तेजी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यस्था बना रहेगा।
आईएमएफ प्रवक्ता गेरी राइस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम नए आंकड़े पेश करेंगे लेकिन खासकर कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत में हालिया आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कमजोर है।’’
गौरतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती का असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में दिखने लगा है। विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में आई सुस्ती से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर कम होकर 5 प्रतिशत रह गई। यह पिछले छह साल से अधिक समय में सबसे कम वृद्धि रही है।
Gerry Rice, IMF Spox: Latest GDP figures reflect slow growth rate for India.What’s IMF’s assessment?We’ll have fresh numbers coming up but recent economic growth in India is much weaker than expected,mainly due to corporate&environmental regulatory uncertainty... (1/2) (file pic) pic.twitter.com/eHY0URhyn4
— ANI (@ANI) September 13, 2019
इसके साथ ही भारत से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा छिन गया है। पहली तिमाही में देश की वृद्धि दर चीन से भी नीचे रही है। अप्रैल-जून तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही जो उसके 27 साल के इतिहास में सबसे कम रही है।