IFSEC India 2024: आईएफएसईसी इंडिया के 17वें संस्करण की शुरुआत?, आधुनिक तकनीकों के साथ सुरक्षा को दे रहा नया आयाम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 12, 2024 08:08 PM2024-12-12T20:08:24+5:302024-12-12T20:09:09+5:30
IFSEC India 2024: आधुनिक सीसीटीवी से लेकर वीडियो सर्विलान्स, बायोमेट्रिक्स, आरएफआईडी, इंटीग्रेटेड सिस्टम, और पेरीमीटर सिक्योरिअी तकनीकें शामिल हैं।
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नई दिल्लीः विश्वस्तरीय सुरक्षा और अग्निसुरक्षा उद्योगों के लिए प्रमुख आयोजन आईएफएसईसी इंडिया के 17वें संस्करण की शुरुआत आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुई। यह शो 13 और 14 दिसम्बर 2024 को भी जारी रहेगा। इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया द्वारा आयोजित इस शो में 300 से अधिक सिक्योरिटी ब्राण्ड्स 5000 से अध्णिक प्रोडक्ट्स एवं समाधानों का प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें आधुनिक सीसीटीवी से लेकर वीडियो सर्विलान्स, बायोमेट्रिक्स, आरएफआईडी, इंटीग्रेटेड सिस्टम, और पेरीमीटर सिक्योरिअी तकनीकें शामिल हैं।
कुल मिलाकार यह शो आधुनिक इनोवेशन्स के साथ सुरक्षा के भविष्य को आयाम दे रहा है। एक अनुमान के मुताबिक भारत का इलेक्ट्रोनिक सिक्योरिटी मार्केट 2024 में 2.56 बिलियन डॉलर पर है जो 23.57 फीसदी से बढ़कर 7.36 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा। ऐसे में आईएफएसईसी इंडिया इस क्षेत्र के आधुनिक समाधानों के लिए सर्वश्रेष्ठ मंच है।
आईएफएसईसी इंडिया का भव्य उद्घाटन माननीय अतिथियों द्वारा किया गया। इनमें शामिल थे हरविंदर सिंह, चेयरपर्सन, एएसआईएस नई दिल्ली चैप्टर, डॉ दीपांकुर मित्तल, प्रेज़ीडेन्ट, एशियन प्रोफेशनल सिक्योरिटी एसोसिएशन; प्रोफेसर अमोल देशमुख, पुलिस एवं साइबर अडवाइज़र, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार, माननीय ओएसडी, एनएफएसयू/ एनएफआईईसी, गृह मंत्रलाय, भारत सरकार, क्रिस्टिना स्कॉट, डिप्टी हाई कमिशनर, यूके हाई कमीशन इन इंडिया, एस के सिंह, डीसीपी, दिल्ली यातायात पुलिस, मुख्यालय एवं सड़क सुरक्षा, योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया और श्री पंकज जैन, सीनियर ग्रुप डायरेक्टर और डिजिटल हैड, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया।
इस अवसर पर एएसआईएस, नई दिल्ली चैप्टर के चेयरपर्सन हरिवंदर सिंह ने कहा कि आज के दौर में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकी समाधानों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। एएसआईएस इंटरनेशनल सुरक्षा पेशेवरां को आधुनिक प्रशिक्षण, ज्ञान के आदान-प्रदान, नेटवर्किग के साथ सशक्त बनाता है।
शो की थीम ‘इनोवेशन एवं आपसी सहयोग से सुरक्षित भविष्य का निर्माण’ साझेदारियों को बढ़ावा देते हुए आधुनिक तकनीकों जैसे एआई, आईओटी और साइबर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स के महत्व पर रोशनी डालती है। आईएफएसईसी इंडिया आपसी सहयोग, साझेदारियों एवं विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हुए आधुनिक तकनीकों के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’
प्रोफेसर अमोल देशमुख, पुलिस एवं साइबर अडवाइज़र, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार तथा माननीय ओएसडी, एनएफएसयू/एनएफआईईसी, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा, ‘‘पिछले दशकों के दौरान टेक्नोलॉजी में तेज़ी से प्रगति हुई है, खासतौर पर सिक्योरिटी एवं सर्विलान्स के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को उपयोग बहुत अधिक बढ़ गया है।
शुरुआत में फुटेज को मैनुअली देखा जाता था, वो भी पूरी तरह से क्लियर नहीं होती थी। आज एआई पावर्ड सिस्टम से वाहन के प्रकार, लाइसेंस प्लेट और मालिक के विवरण का मूल्यांकन आसानी से हो जाता है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालित एशिया के पहले मल्टीमॉडल बायोमेट्रिक सिस्टम के टेकनिकल अडवाइज़र के रूप में हमने स्पष्ट कर दिया है कि कैसे टेक्नोलॉजी संचालन को बदल सकती है।
फिंगरप्रिंट्स, फेशियल रिकॉग्निशन और अन्य बायोमेट्रिक्स के साथ इस सिस्टम ने सीआईडी डेटाबेस से 12 लाख प्रिंट्स की प्रोसेसिंग को सक्षम बनाया है, जिससे मात्र 0.4 सैकण्ड की मैचिंग स्पीड से एक ही दिन में 1200 गिरफ्तारियां हुईं। भारत सरकार आपाराधिक कानूनों, डिजिटल साक्ष्यों, होम लैण्ड सुरक्षा में टेक्नोलॉजी की भूमिका पर ज़ोर दे रही है।
ऐसे में आईएफएसईसी सुरक्षित भविष्य के निर्माण में इनोवेशन और साझेदारियों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हब की भूमिका निभाएगा।’ एस के सिंह, डीसीपी, दिल्ली यातायात पुलिस, मुख्यालय एवं सड़क सुरक्षा ने कहा, ‘‘पिछले सालों के दौरान सुरक्षा का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है।
आधुनिक तकनीकों जैसे फेशियल रिकॉग्निशन, एआई-उन्मुख एनोमली डिटेक्शन, प्रेडिक्टिव एनालिसिस ने भौतिक सुरक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया है। लेकिन साथ ही कई चुनौतियों भी पनपीं हैं। एआई के साथ इनोवेशन के बीच पासवर्ड लीक जैसे सायबर खतरे भी बढ़े हैं।’
आज के डिजिटल दौर में 35 फीसदी क्रिटिकल असेट्स पर सायबरखतरा मंडरा रहा है। एआई-पावर्ड उल्लंघन में डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देना ज़रूरी है, क्योंकि सबसे मजबूत सिस्टम में भी सेंध लगाई जा सकती है। ऐसे में भौतिक सुरक्षा के साथ डिजिटल सुरक्षा को शामिल करना अब विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्यता बन गई है।
भारतीय वैज्ञानिकों के सहयोग से स्पाइडर नेटवर्क का विकास इन्हीं चुनौतियों को हल करने की हमारी क्षमता को दर्शाता है। योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने कहा, ‘‘आईएफएसईसी इंडिया 2024 भारतीय सुरक्षा सिस्टम में महत्वपूर्ण विकास का प्रदर्शन है, जो सार्वजनिक सुरक्षा जागरूकता और आधुनिक साइबर सुरक्षा की ज़रूरतों पर फोकस कर रहा है।
महानगरों में सुरक्षा के आधुनिक उपाय अपनाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी मांग तेज़ी से बढ़ रही है।“ एआईओटी टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन उद्योग जगत में बदलाव ला रहा है, आधुनिक सुरक्षा कैमरे और समाधान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की विभिन्न ज़रूरतों को पूरा करते हैं। भारत ग्लोबल इकोनोमिक पावरहाउस के रूप में उभर रहा है।
ऐसे में आधुनिक सर्विलान्स समाधानों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। 2024 में भारत का सीसीटीवी मार्केट 3.98 बिलियन डॉलर का है, जो 20.6 फीसदी की दर से बढ़कर 2029 तक 10.17 बिलियन डॉलर के आंकड़े पर पहुंच जाएगा। आईएफएसईसी इंडिया इन आधुनिक तकनीकों को प्रदर्शन द्वारा सुरक्षा के भविष्य को आयाम दे रहा है और इस क्षेत्र में इनोवेशन्स को प्रोत्साहित कर रहा है।“