प्राकृतिक खेती से हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों को फायदा हुआ

By भाषा | Updated: October 10, 2021 19:55 IST2021-10-10T19:55:24+5:302021-10-10T19:55:24+5:30

Himachal Pradesh apple growers benefit from natural farming | प्राकृतिक खेती से हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों को फायदा हुआ

प्राकृतिक खेती से हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों को फायदा हुआ

शिमला, 10 अक्टूबर प्राकृतिक खेती के जरिए पैदा किए गए सेब से हिमाचल प्रदेश के किसानों को फायदा हुआ है। राज्य के शिमला जिले के ठियोग की सेब उत्पादक शकुंतला शर्मा के लिए खुशी की बात है क्योंकि प्राकृतिक खेती की तकनीक से उनके बाग में पैदा हुए सेबों की इस साल कीमत अप्रत्याशित रूप से 100 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक रही।

उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही स्थानीय बाजार धमंदरी में एक खरीदार ने मेरे बक्सों पर 'प्राकृतिक सेब' का लेबल देखा, तो उसने तुरंत कहा कि वह इस कीमत पर सारे सेब खरीद लेगा। मैंने गैर-रासायनिक सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती (एसपीएनएफ) के साथ खेती की लागत पर 50,000-60,000 रुपये भी बचाए, जो एक बड़ा लाभ है।’’

महिला किसान पांच बीघा में सेब के बाग सहित 10 बीघा जमीन पर एसपीएनएफ खेती कर रही है। प्राकृतिक सब्जियों के खरीदार भी उनके पास आते हैं और उन्हें अच्छी कीमत देते हैं।

एसपीएनएफ पद्धति देसी गाय के गोबर और मूत्र और कुछ स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों से प्राप्त खाद पर आधारित है। एसपीएनएफ के लिए खाद घर पर तैयार की जा सकती है।

शिमला जिले के रोहरू प्रखंड के समोली पंचायत के रविंदर चौहान ने कहा, ‘‘मैं वित्तीय तनाव में था क्योंकि रासायनिक स्प्रे पर लगातार बढ़ते खर्च के कारण मुझे अपने सेब के बाग में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। लेकिन प्राकृतिक खेती ने मुझे पिछले तीन वर्षों में अच्छा मुनाफा कमाने में मदद की है।’’

प्राकृतिक खेती की तकनीक से आठ बीघा जमीन पर सेब उगाने वाले चौहान ने तमिलनाडु, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में एक सेब का डिब्बा (प्रत्येक में 25 किलो) 4,200-4,500 रुपये में बेचा, जिसमें परिवहन लागत भी शामिल है।

हिमाचल प्रदेश में कृषि और बागवानी फसलों के लिए गैर-रासायनिक कम लागत वाली जलवायु अनुकूल एसपीएनएफ तकनीक को पीके3वाई के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसे राज्य सरकार ने 2018 में शुरू किया था।

शिमला में राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई (एसपीआईयू), पीके3वाई द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में अब तक (आंशिक रूप से या पूरी तरह से) 1,33,056 किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, जिसमें 7609 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है। इसमें 12,000 सेब के बागवान शामिल हैं।

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Web Title: Himachal Pradesh apple growers benefit from natural farming

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