भारी ब्याज, कोविड-19 से असम में कर्ज लेकर छोटे-मोटे काम-धंधे करने वाली महिलाओं की मुश्किलें बढ़ीं

By भाषा | Updated: June 20, 2021 18:39 IST2021-06-20T18:39:46+5:302021-06-20T18:39:46+5:30

Heavy interest, Kovid-19 increased the difficulties of women doing small business by taking loan in Assam | भारी ब्याज, कोविड-19 से असम में कर्ज लेकर छोटे-मोटे काम-धंधे करने वाली महिलाओं की मुश्किलें बढ़ीं

भारी ब्याज, कोविड-19 से असम में कर्ज लेकर छोटे-मोटे काम-धंधे करने वाली महिलाओं की मुश्किलें बढ़ीं

सुष्मिता

गुवाहाटी, 20 जून कोविड-19 से बढ़ी मुश्किलों के बीच यहां नजीरा की रहने वाली सुरभि और उसके पिता जिंतू कलिता को सूक्ष्मवित्त संस्था से लिए रिण की किश्तें भरने के लिए अपना टेंपो बेचना पड़ा। वही टेंपो उनकी आय का एकमात्र भरोसेमंद साधन था।

कोविड-19 और सूक्ष्म रिण पर भारी ब्याज से पैदा होने वाली दिक्कत अकेले सुरभि की नहीं है। उसका परिवार मुर्गी पालन भी करता था। कोविड-19 के कारण सार्वजनिक पाबंदी से उनके लिए माल बाजार में ले जाना मुश्किल हो गया। आय बिल्कुल रुक गयी।

एक स्थानीय स्वयंसहायता समूह (एसएचजी) की सदस्य 33 वर्षीय सुरभि कलिता ने पीटीआई-भाषा कहा कि उन्हें सब कुछ "अंधकारमय" लग रहा है क्योंकि उनके परिवार के पास अब आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं बचा है।

टेंपो तीन लोगों के परिवार के लिए आय का मुख्य साधन था। मुर्गीपालन से से बाकी खर्चे निकलते थे। यह पॉल्ट्री फार्म सूक्ष्मवित्त संस्थान (एमएफआई) से लिए गए रिण की मदद से शुरू किया गया था।

एमएफआई के एजेंट रिण चुकाने में देरी होने पर ऐसे लोगों का शोषण कर रहे हैं। यह सब चीजें परिवार के लिए मुश्किलों की बाढ़ लेकर आयी हैं।

विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारुढ़ भाजपा ने महिला एसएचजी के कर्ज माफ करने का वादा किया था। इससे सुरभि और उसके जैसी हजारों महिलाओं को उम्मीद की एक किरण दिखी थी।

लेकिन उनकी यह खुशी कुछ ही दिन की रही। चुनाव जीतने के बाद भाजपा सरकार ने कहा कि यह वादा राजनीतिक बयान था।सरकार ने रिण छूट के साथ कई शर्तें जोड़ दीं जिनमें भविष्य में बैंकों से रिण लेने का मौका छोड़ने की शर्त भी शामिल है।

अब अलग-अलग एसएचजी से सैकड़ों महिलाएं रिण में पूर्ण माफी की मांग कर रही हैं जिसका कार्यान्वयन करना आसान नहीं होगा।

नयी सरकार द्वारा गठित एक समिति ने पाया कि 45 लाख बैंक खातों से जुड़े 26 लाख ग्राहकों ने

कर्ज देने वाले 40 संस्थानों से कर्ज लिए हैं। इनमें 53 प्रतिशत राशि बैंकों ने , 22 प्रतिशत राशि गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म रिण संस्थानों से तथा बाकी लघु ऋण बैंकों ने दिए हैं।

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Web Title: Heavy interest, Kovid-19 increased the difficulties of women doing small business by taking loan in Assam

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