Gujarat Budget 2023: गुजरात में 3.01 लाख करोड़ का बजट पेश, नए कर का बोझ नहीं, प्रधानमंत्री जन आरोग्य-मां अमृतम योजना के तहत बीमा सीमा 10 लाख, जानें खास बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 24, 2023 03:45 PM2023-02-24T15:45:45+5:302023-02-24T19:59:36+5:30
Gujarat Budget 2023: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार का यह पहला बजट है। इस बजट में कई योजनाओं और परियोजनाओं के प्रस्ताव रखे गए हैं, कुछ वादे हैं जो भाजपा ने घोषणा-पत्र में किए थे।
गांधीनगरः गुजरात सरकार ने शुक्रवार को एक अप्रैल, 2023 से शुरू अगले वित्त वर्ष के लिये 3.01 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने यहां विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई वाली भाजपा की नई सरकार का यह पहला बजट है। देसाई ने कहा कि 2023-24 के लिए बजट में 3,01,021.61 रुपये के व्यय का प्रस्ताव है। है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 57,077 करोड़ रुपये यानी 23.38 प्रतिशत अधिक है।
कुल 3.01 लाख करोड़ के परिव्यय में से 1.91 लाख करोड़ रुपये विकास व्यय पर जबकि 1.04 करोड़ रुपये कानून व्यवस्था, प्रशासन जैसे गैर-विकासात्मक मदों में खर्च किए जाएंगे। इस बजट में कई योजनाओं और परियोजनाओं के प्रस्ताव रखे गए हैं जिनमें से कुछ वे वादे हैं जो भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में किए थे।
इनमें, पात्र परिवारों के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य-मां अमृतम योजना के तहत वार्षिक बीमा सीमा को दोगुना करके 10 लाख रुपये करना, उज्ज्वला योजना के तहत परिवारों को हर साल दो रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त प्रदान करना शामिल है। वित्त मंत्री देसाई ने कहा कि 2023-24 के लिए विभिन्न अनुमानों पर गौर करने के बाद बजट में 916.87 करोड़ रुपये का अधिशेष है।
उन्होंने कहा कि बजटीय प्रावधान में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है और यह पिछले वर्ष की तुलना में 23.38 फीसदी अधिक है। बजट में कोई नया कर लगाने का प्रस्ताव नहीं है। देसाई ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को 42 लाख करोड़ रुपये से अधिक करना है।
गुजरात सरकार अगले पांच वर्ष में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर लगभग पांच लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा, गुजरात में 1,500 करोड़ रुपये की लागत से पांच राजमार्गों को ‘हाई स्पीड कॉरिडोर’ में विकसित किया जाएगा। गुजरात सरकार अगले साल प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लगभग एक लाख लोगों को मकान उपलब्ध कराने के लिए 1,066 करोड़ रुपये खर्च करेगी।