सरकार ने कहा, मांग से अधिक रहेगी उर्वरकों की आपूर्ति, जमाखोरी नहीं करें किसान

By भाषा | Updated: November 1, 2021 18:31 IST2021-11-01T18:31:59+5:302021-11-01T18:31:59+5:30

Government said, the supply of fertilizers will be more than the demand, farmers should not hoard | सरकार ने कहा, मांग से अधिक रहेगी उर्वरकों की आपूर्ति, जमाखोरी नहीं करें किसान

सरकार ने कहा, मांग से अधिक रहेगी उर्वरकों की आपूर्ति, जमाखोरी नहीं करें किसान

नयी दिल्ली, एक नवंबर किसानों की चिंताओं को दूर करते हुए रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कहा कि नवंबर में यूरिया और डीएपी सहित फसल पोषक तत्वों (उर्वरकों) की पर्याप्त आपूर्ति होगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे कमी की अफवाहों के आधार पर इसकी जमाखोरी न करें।

उन्होंने राज्य सरकारों से जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा।

ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश के माध्यम से मंत्री ने कहा कि उन्होंने देशभर में उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा के लिए उर्वरक विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। गेहूं और सरसों सहित रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) फसलों की बुवाई पिछले महीने से शुरू हो चुकी है।

उर्वरक की कमी की अफवाहों को खारिज करते हुए मंडाविया ने कहा कि विभाग ने राज्यों द्वारा 41 लाख टन की मांग के मुकाबले नवंबर के लिए 76 लाख टन यूरिया उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह 17 लाख टन की अनुमानित मांग के मुकाबले 18 लाख टन डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) उपलब्ध कराया गया है। 17 लाख टन की मांग के मुकाबले इस महीने 30 लाख टन एनपीके उर्वरकों की आपूर्ति की जाएगी।

मंडाविया ने कहा, ‘‘सरकार ने नवंबर में आवश्यकता से अधिक उर्वरकों की आपूर्ति करने की व्यवस्था की है। इसलिए मैं सभी किसानों से अपील करता हूं कि वे कमी की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे उर्वरकों की जमाखोरी न करें।’’

मंत्री ने कहा कि उन्हें विभिन्न राज्यों से उर्वरकों की कालाबाजारी की जानकारी मिली है।

उन्होंने राज्यों से उर्वरकों की जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा।

सरकार निर्माताओं/आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती कीमतों पर यूरिया और पीएंडके (फॉस्फेटिक और पोटाश) उर्वरक के 24 ग्रेड उपलब्ध करा रही है।

पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी, अप्रैल 2010 से एनबीएस (पोषक तत्व आधारित सब्सिडी) योजना द्वारा नियंत्रित की जा रही है।

यूरिया के मामले में केंद्र ने अधिकतम खुदरा मूल्य तय किया है और सब्सिडी के रूप में एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) और उत्पादन लागत के बीच के अंतर की प्रतिपूर्ति की जाती है।

पिछले महीने सरकार ने पीएंडके उर्वरकों पर 28,655 करोड़ रुपये की शुद्ध सब्सिडी की घोषणा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को रबी बुवाई के मौसम के दौरान सस्ती कीमत पर पोषक तत्व मिले।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अक्टूबर 2021-मार्च 2022 की अवधि के लिए पीएंडके उर्वरकों के लिए एनबीएस दरों को मंजूरी दी।

एनबीएस के तहत एन (नाइट्रोजन) की प्रति किलो सब्सिडी दर 18.789 रुपये, पी (फास्फोरस) 45.323, के (पोटाश) 10.116 रुपये और एस (सल्फर) 2.374 रुपये तय की गई है।

भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में यूरिया, डीएपी और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) का आयात करता है।

देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई बंद यूरिया उर्वरक संयंत्रों को फिर खड़ा करने का प्रयास कर रही है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Government said, the supply of fertilizers will be more than the demand, farmers should not hoard

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे