पवन हंस के लिए सरकार को मिलीं कई वित्तीय बोलियां
By भाषा | Updated: December 18, 2021 13:49 IST2021-12-18T13:49:51+5:302021-12-18T13:49:51+5:30

पवन हंस के लिए सरकार को मिलीं कई वित्तीय बोलियां
नयी दिल्ली, 18 दिसंबर खस्ताहाल हेलीकॉप्टर संचालक पवन हंस लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार को कई वित्तीय बोलियां मिली हैं जिससे इस सार्वजनिक उपक्रम की विनिवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है।
वित्त मंत्रालय के निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) में सचिव तुहीन कांत पांडे ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पवन हंस के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां लेनदेन सलाहकार को प्राप्त हो गई हैं। प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है।’’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि पवन हंस के लिए कितनी बोलियां प्राप्त हुई हैं।
सरकार पवन हंस में अपनी 51 फीसदी की समूची हिस्सेदारी बेच रही है। बाकी 49 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के पास है और वह भी अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है।
पवन हंस की स्थापना 1985 में की गई थी और इसके पास 40 से अधिक हेलीकॉप्टर का बेड़ा है। इसमें 900 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं जिनमें से आधे से भी कम कर्मचारी स्थायी हैं। यह कंपनी ओएनजीसी की अन्वेषण गतिविधियों के लिए और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करती है।
कंपनी को 2019-20 में कुल 28 करोड़ रूपये का घाटा हुआ था और उसके एक साल पहले यह आंकड़ा 69 करोड़ रुपये था।
सरकार ने पवन हंस में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए 2018 में निविदाएं आमंत्रित की थीं। हालांकि जब ओएनजीसी ने अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया तो सरकार ने अपने कदम वापस खींच लिए। 2019 में कंपनी को बेचने का एक और प्रयास हुआ था लेकिन तब निवेशकों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।
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