सरकार ने पिछले सात सत्रों में कपास खरीद के लिए सीसीआई को 17,409 करोड़ रुपये की सहायता मंजूर की

By भाषा | Updated: November 10, 2021 22:16 IST2021-11-10T22:16:24+5:302021-11-10T22:16:24+5:30

Government approves Rs 17,409 crore assistance to CCI for cotton procurement in last seven seasons | सरकार ने पिछले सात सत्रों में कपास खरीद के लिए सीसीआई को 17,409 करोड़ रुपये की सहायता मंजूर की

सरकार ने पिछले सात सत्रों में कपास खरीद के लिए सीसीआई को 17,409 करोड़ रुपये की सहायता मंजूर की

नयी दिल्ली, 10 नवंबर सरकार ने बुधवार को भारतीय कपास निगम (सीसीआई) को 17,408.85 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसका उपयोग मुख्य रूप से पिछले सात विपणन वर्षो से कपास की खरीद के लिए सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा लिए गए बैंक ऋण के पुनर्भुगतान के लिए किया जाएगा।

कपास का मौसम या विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने किसानों को सीधे समर्थन देने के मकसद से कपास सत्र 2014-15 से लेकर 2020-21 के लिए सीसीआई को 17,408 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के वित्तपोषण को मंजूरी दी।

मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सीसीआई और अधिकृत एजेंसियों ने वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 में पर्याप्त मात्रा में कपास की खरीद की।

कपास का वार्षिक उत्पादन 350-360 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया गया है।

कपास सत्र 2020-21 के दौरान कपास की खेती का रकबा 133 लाख हेक्टेयर था जिसमें अनुमानित उत्पादन 360 लाख गांठ का था, जो कुल वैश्विक कपास उत्पादन का लगभग 25 प्रतिशत है। भारत सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर कपास के लिए एमएसपी तय करती है।

बाद में कपड़ा सचिव यू पी सिंह ने कहा, ''कपास निगम ब्याज पर बैंक से कर्ज लेकर अपने खरीद का काम करता है। इसलिए आज की मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया है कि सीसीआई को 17,408 करोड़ रुपये दिए जाएंगे ताकि वह अपना कर्ज पूरी तरह से चुका सके।''

वर्ष 2021-22 के लिए कपास की खरीद के बारे में उन्होंने कहा कि अभी तक सीसीआई को कपास खरीदने की आवश्यकता नहीं दिख रही है क्योंकि मौजूदा बाजार मूल्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कहीं अधिक है।

उन्होंने कहा कि कपास की खरीद पर सीसीआई को पहले वर्ष 2020-21 और वर्ष 2019-20 में क्रमश: 7,464 करोड़ रुपये और 9,412 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

हालांकि, सिंह ने कहा कि नुकसान कम होना चाहिए।

सचिव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के संशोधित व्यय में लगभग आधी राशि के भुगतान का प्रावधान अनुपूरक अनुदान के माध्यम से किया गया है जबकि शेष आधी राशि का प्रावधान बजट 2022 में किया जायेगा।

सिंह ने कहा, "पिछले दो कपास मौसमों (2019-20 और 2020-21) में वैश्विक महामारी के दौरान सीसीआई ने देश में कपास उत्पादन का लगभग एक-तिहाई हिस्सा यानी लगभग 200 लाख गांठें खरीदीं, और 40 लाख कपास उत्पादक किसानों के बैंक खातों में सीधे 55,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि का वितरण किया।

मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सरकार कपास में एमएसपी संचालन के लिए सीसीआई को पूर्ण मूल्य समर्थन प्रदान करती है।

मौजूदा कपास सत्र के लिए सीसीआई ने एमएसपी संचालन की किसी भी जरूरत को पूरा करने के लिए 143 जिलों में 474 खरीद केंद्र खोलकर सभी 11 प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में पहले ही पर्याप्त व्यवस्था कर ली है।

एमएसपी पर कपास की खरीद ने कपास की कीमतों को स्थिर करने और किसानों के संकट को कम करने में मदद की। एक अन्य निर्णय में, मंत्रिमंडल ने जूट वर्ष 2021-22 के लिए जूट पैकेजिंग सामग्री के लिए आरक्षण मानदंडों को मंजूरी दी।

ठाकुर ने कहा कि आरक्षण मानदंडों के अनुसार, जूट वर्ष 2021-22 के दौरान जेपीएम अधिनियम, 1987 के तहत 100 प्रतिशत खाद्यान्न और 20 प्रतिशत चीनी जूट की बोरियों में पैक की जाएगी।

इस फैसले से जूट मिलों और सहायक इकाइयों में कार्यरत 3,70,000 श्रमिकों को राहत मिलने की संभावना है।

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Web Title: Government approves Rs 17,409 crore assistance to CCI for cotton procurement in last seven seasons

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