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5 साल में हवाई अड्डों कारोबार में 01 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना, अदाणी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अदाणी ने कहा-लाखों नौकरी की संभावना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 19, 2025 15:46 IST

नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनएमआईएएल) द्वारा विकसित किए जो रहे हवाई अड्डा में अदाणी समूह की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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ठळक मुद्देअदाणी समूह ने छह हवाई अड्डों अहमदाबाद, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, जयपुर और मंगलुरु को हासिल किया था।भारत के विमानन बुनियादी ढांचे में इसकी उपस्थिति और मजबूत होगी।अदाणी समूह ने मुंबई हवाई अड्डे को जीवीके समूह से अधिग्रहित किया था।

मुंबईः अदाणी समूह अगले पांच वर्ष में अपने हवाई अड्डों के कारोबार में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है। उद्योगपति गौतम अदाणी के छोटे बेटे एवं अदाणी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अदाणी ने 25 दिसंबर को नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने से पहले कहा, ‘‘ हवाई अड्डा क्षेत्र में अगले पांच वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।’’ नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अदाणी समूह के बढ़ते हवाई अड्डा खंड में नवीनतम उपलब्धि है। इससे भारत के विमानन बुनियादी ढांचे में इसकी उपस्थिति और मजबूत होगी।

नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनएमआईएएल) द्वारा विकसित किए जो रहे हवाई अड्डा में अदाणी समूह की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इससे वाणिज्यिक परिचालन 25 दिसंबर से शुरू होगा। अदाणी समूह ने मुंबई हवाई अड्डे को जीवीके समूह से अधिग्रहित किया था।

मुंबई के दो हवाई अड्डों के अलावा, अदाणी समूह अहमदाबाद, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, जयपुर और मंगलुरु में छह अन्य हवाई अड्डों का संचालन करता है। समूह हवाई अड्डों के निजीकरण के अगले दौर के लिए आक्रामक रूप से बोली लगाने की भी योजना बना रहा है।

जीत अदाणी ने कहा, ‘‘ इस उद्योग में एक दृढ़ विश्वास रखने वाले और आशावादी निवेशक के रूप में हम अगले दौर के सभी 11 (हवाई अड्डों) के लिए बोली लगाने में पूरी तरह आक्रामक रुख अपनाएंगे।’’ रखरखाव, मरम्मत एवं संचालन (एमआरओ) और ‘फ्लाइट सिमुलेशन ट्रेनिंग सेंटर’ (एफएसटीसी) में निवेश के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

क्योंकि हम अब भी एक दीर्घकालिक रणनीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। उसके बाद ही उसके लिए कोई निश्चित आंकड़ा तय करेंगे।’’ उन्होंने हालांकि कहा, ‘‘ अंततः, हम इसमें पूरी तरह से शामिल हैं और हम अपनी विशेषज्ञता एवं क्षमता को लगातार बढ़ाना चाहते हैं।’’

जीत अदाणी ने कहा कि भारत का विमानन क्षेत्र (जिसमें हवाई अड्डे और विमानन कंपनियां शामिल हैं) अगले एक दशक या उससे अधिक समय तक 15-16 प्रतिशत की वृद्धि दर बनाए रख सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय विमानन उद्योग समग्र रूप से अगले 10-15 वर्ष तक लगातार 15-16 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ सकता है।’’

उन्होंने चीन की तुलना में प्रति व्यक्ति हवाई यात्रा की कम दर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ अगर हम चीन के स्तर तक भी पहुंच जाते हैं, तो इसका मतलब है कि पूरे क्षेत्र को कई गुना अधिक शहरों की दर से विकसित होना होगा।’’ विकास की संभावना को दीर्घकालिक बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे सामने विकास का एक बेहद लंबा मार्ग है।

सभी संकेत यही दर्शाते हैं कि इसे पूरा किया जा सकता है।’’ मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर क्षमता संबंधी बाधाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ मुंबई हवाई अड्डे पर 2016 से ही सेवाओं की कमी थी और वह आने वाली अतिरिक्त मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ नवी मुंबई हवाई अड्डे के शुरू होने के साथ, हमें अंततः इस समस्या से कुछ राहत मिलेगी।’’ नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के चालू होने को एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय विमानन के संदर्भ में, यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण है... पहली बात तो यह है कि हम इतने बड़े आकार की संपत्ति को चालू होते हुए देख रहे हैं और दूसरी कि यह यहीं पर नहीं रुकेंगे।

अभी इसमें चार गुना वृद्धि की संभावना बाकी है।’’ अदाणी समूह, अपनी हवाई अड्डा इकाई अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) के माध्यम से भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा अवसंरचना संचालक है। यह भारत के हवाई यातायात के एक महत्वपूर्ण हिस्से को नियंत्रित करता है, जिसमें यात्रियों की आवाजाही का लगभग 23 प्रतिशत और माल ढुलाई का करीब 33 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।

गौरतलब है कि 2019 में हुए निजीकरण के पिछले दौर में अदाणी समूह ने छह हवाई अड्डों अहमदाबाद, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, जयपुर और मंगलुरु को हासिल किया था। 2021 में जीवीके समूह से मुंबई हवाई अड्डे का अधिग्रहण किया। नागर विमानन मंत्रालय ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत संचालन के लिए छह छोटे हवाई अड्डों सहित 11 हवाई अड्डों की पहचान की है। 

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