बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार सृजन के लिये शुरू होगी गतिशक्ति योजना, हाइड्रोजन मिशन की घोषणा

By भाषा | Updated: August 15, 2021 12:00 IST2021-08-15T12:00:26+5:302021-08-15T12:00:26+5:30

Gatishakti scheme will be started for infrastructure development, employment generation, announcement of hydrogen mission | बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार सृजन के लिये शुरू होगी गतिशक्ति योजना, हाइड्रोजन मिशन की घोषणा

बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार सृजन के लिये शुरू होगी गतिशक्ति योजना, हाइड्रोजन मिशन की घोषणा

नयी दिल्ली, 15 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये जल्दी ही 100 लाख करोड़ रुपये की गतिशक्ति योजना शुरू किये जाने की घोषणा की।

प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ हवाईअड्डे, नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातयात की व्यवस्था को दुरूस्त करेगी और युवाओं के लिये रोजगार के अवसर सृजित करेगी।

उन्होंने राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की औपचारिक घोषणा करते हुए आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले यानी 2047 तक भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मिनर्भर बनाने का भी ऐलान किया।

प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ भारत को आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ ढांचागत क्षेत्र के लिये एक समग्र रुख की जरूरत है। इस दिशा

में जल्दी ही गतिशक्ति- राष्ट्रीय मास्टर प्लान योजना शुरू की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गतिशक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान नौजवानों के लिये रोजगार के अवसर लायेगी और बुनियादी के समग्र विकास में मददगार होगी।’’

विकास को नई गति देने का संकेत देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अब हमें पूर्णता की तरफ जाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें ऐसे विकास को हासिल करना है जहां सभी गांवों में सड़कें हों, सभी परिवारों के पास बैंक खाते हों, शत प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो, सभी पात्र व्यक्तियों के पास उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन हो।’’

उन्होंने कहा कि भारत गैस आधारित अर्थव्यवस्था, गन्ने से प्राप्त एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर तथा बिजली से चलने वाली रेल, वाहनों के जरिये ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश की प्रगति और आत्मनिर्भर भारत के लिये ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता जरूरी है... ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर होने के लिये भारत को ये संकल्प लेना होगा कि आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले देश को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाएंगे।’’

मोदी ने कहा कि ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिये हर साल 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च देश को करना पड़ता है।

उल्लेखनीय है कि भारत अपनी कुल पेट्रोलियम और दूसरी ऊर्जा जरूरतों का करीब 85 प्रतिशत आयात करता है। वहीं प्राकृतिक गैस के मामले में आधी जरूरतें विदेश से होने वाली आपूर्ति से होती है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में से देश एक लाख मेगावाट क्षमता समय से पहले हासिल कर चुका है।

किसानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा सपना है कि छोटे किसान देश की शान बने। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें कृषि क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। उसमें से एक चुनौती गांवों में जोत का आकार का छोटा होना है। इसका कारण बढ़ती आबादी और परिवार के बीच बंटवारा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। पहले जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वह नहीं हो पाया।’’

मोदी ने कहा, ‘‘अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं...इसी के तहत किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके तहत 10 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा अंतरित किये गये हैं।’’

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को 2,000 रुपये की किस्तों में सालाना 6,000 रुपये दिये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी। उन्होंनेकहा, ‘‘राशन की दुकानों पर या फिर मध्याह्न भोजन योजना में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई (पोषण युक्त) कर दिया जाएगा।’’

उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘बहुत जल्द पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेलसेवा से जोड़ने का काम पूरा होने वाला है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, इंटरनेट पहुंच रहा है। गांव में भी डिजिटल उद्यमी तैयार हो रहे हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि गांव में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 8 करोड़ से अधिक बहनें हैं, वो एक से बढ़कर एक उत्पाद बनाती हैं। इन उत्पादों को देश - विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए सरकार ई-वाणिज्य मंच विकसित करेगी।

विनिर्माण के क्षेत्र में प्रगति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सात साल पहले 8 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल फोन आयात करता था और अब देश इन्ही उपकरणों का 3 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने देश के उद्योगों से ‘वैश्विक स्तरीय विनिर्माण’ का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘जो उत्पाद हम बाहर भेजते हैं वह केवल किसी एक कंपनी का उत्पाद नहीं होता है बल्कि वह उत्पाद भारत की पहचान होता है। उस उत्पाद से भारत की प्रतिष्ठा जुड़ी होती। इसलिये भारत में निर्मित उत्पाद - बेहतर होने चाहिये।

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Web Title: Gatishakti scheme will be started for infrastructure development, employment generation, announcement of hydrogen mission

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