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दूसरी छमाही के लिये कर्ज समयसारणी सितंबर के आखिरी सप्ताह में तय करेगा वित्त मंत्रालय

By भाषा | Updated: September 20, 2020 20:34 IST

वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान केंद्र सरकार ने 3,46,000 करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कीं, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 2,21,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां जारी की गयी थीं।

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ठळक मुद्देवित्त मंत्रालय इस महीने के आखिरी सप्ताह में चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिये कर्ज समयसारणी पर निर्णय लेगा। दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से उधार 18 सितंबर तक 3.60 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है।

नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ परामर्श के बाद वित्त मंत्रालय इस महीने के आखिरी सप्ताह में चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिये कर्ज समयसारणी पर निर्णय लेगा। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। मई में की गयी घोषणा के अनुसार, सरकार का कर संग्रह में गिरावट के बीच कोविड-19 संकट से निपटने के लिये बढ़ते खर्च को पूरा करने को लेकर अक्टूबर-मार्च की अवधि के दौरान 12 लाख करोड़ रुपये में से 5.02 लाख करोड़ रुपये का शेष ऋण लेने का इरादा है।

सूत्रों ने कहा कि उधार समयसारणी तय करने की बैठक के लिये सही तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन इस महीने के आखिरी सप्ताह में इसके होने की संभावना है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में दिनांकित प्रतिभूतियों से 6.98 लाख करोड़ रुपये के कुल उधार लक्ष्य का 58 प्रतिशत जुटाने का विचार किया था। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान केंद्र सरकार ने 3,46,000 करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कीं, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 2,21,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां जारी की गयी थीं।

दूसरी तिमाही में, दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से उधार 18 सितंबर तक 3.60 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। इस प्रकार, इस वित्त वर्ष में कुल उधार 7.06 लाख करोड़ रुपये हो चुका है, जो सरकार की 6.98 लाख करोड़ रुपये की उधार योजना से अधिक है। इससे वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 4.94 लाख करोड़ रुपये से कम की उधारी की गुंजाइश है। समयसारणी के अनुसार, 25 सितंबर को 25,000 करोड़ रुपये के एक और उधार लिये जाने की संभावना है।

उसके बाद, यदि सरकार 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की उधारी नहीं लेती है तो चालू वित्त वर्ष के शेष छह महीनों के लिये उधार की सीमा 4.64 लाख करोड़ रुपये तक सीमित हो जायेगी। कोरोना वायरस महामारी से निपटने में धन की कमी का सामना कर रही सरकार ने मई में चालू वित्त वर्ष के लिये अपने बाजार उधार कार्यक्रम को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। 

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