पंजाब का जीएसटी बकाया चुकाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए गये: सीतारमण

By भाषा | Updated: September 24, 2021 21:59 IST2021-09-24T21:59:11+5:302021-09-24T21:59:11+5:30

Extra efforts were made to clear Punjab's GST arrears: Sitharaman | पंजाब का जीएसटी बकाया चुकाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए गये: सीतारमण

पंजाब का जीएसटी बकाया चुकाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए गये: सीतारमण

चंडीगढ़, 24 सितंबर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पंजाब का जीएसटी का 1,400 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया चुकाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए हैं, जिन्हें मान्यता दी जानी चाहिए।

उनकी टिप्पणी कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा अक्सर केंद्र पर राज्य को माल और सेवा कर (जीएसटी) भुगतान में देरी करने के आरोप लगाने के बीच आयी है।

सीतारमण ने साथ ही हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा वित्तीय मामलों को बहुत अच्छी तरह से संभालने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य ने अतिरिक्त ऋण नहीं लिया जबकि केंद्र ने कोविड-19 महामारी की वजह से सभी राज्यों को अतिरिक्त ऋण लेने की सुविधा दी थी।

वित्त मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, "मैं निश्चित तौर पर कहना चाहती हूं कि मैंने पंजाब के लिए क्या किया।"

उन्होंने 2015-16 के आधार वर्ष पर आधारित कुछ गणनाओं के आकलन पर प्रकाश डाला।

सीतारमण ने कहा कि 2019 में पंजाब के तत्कालीन वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल उनसे मिले थे। "उन्होंने मुझे बताया कि एक समस्या है ... मैंने विशेष रूप से इस पर ध्यान दिया और मैंने पंजाब के लिए 1,400 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया। पंजाब के लिए, यह नकारात्मक या कम नहीं है। मैंने जीएसटी में उनके बकाये को मंजूरी देने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए। कृपया इसे स्वीकार करें।"

वित्त मंत्री यहां पंचकुला में अपनी पार्टी भाजपा के 'सेवा और संपर्क' अभियान से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने आयी थी। सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत वित्तपोषण के तौर तरीकों पर उन्होंने कहा कि पूर्वोततर और हिमालयी क्षेत्र के राज्यों को केन्द्र केन्द्र का हिस्सा 90 प्रतिशत, राज्य का हिस्सा 10 प्रतिशत के अनुपात में कोष दिया जाता है जबकि अन्य राज्यों जिसमें पंजाब भी शामिल है के लिये केन्द्र का 60 और राज्य का 40 प्रतिशत हिस्सा के तहत कोष दिया जाता है। यह अनुपात वित्त आयोग की सिफारिश पर तय किया गया है।

पंजाब केन्द्र से लगातार इस अनुपात को बढ़ाकर 90:10 किये जाने की मांग करता रहा है।

हरियाणा के मामले में वित्त मंत्री ने कहा कि ‘‘मैं कहना चाहूंगी कि यह उन राज्यों में से एक है जो कि अपने वित्तीय मामलों को पूरी गंभीरता के साथ व्यवस्थित करने वाला राज्य है। हरियाणा एक मात्र राज्य रहा है जिसमें कोरोना महामारी के दौरान उधार लेने की अतिरिक्त सुविधा का इस्तेमाल नहीं किया।

हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओ पी धनकड़ और पूर्व केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे।

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Web Title: Extra efforts were made to clear Punjab's GST arrears: Sitharaman

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