EPFO Cuts Interest Rate: 40 साल में सबसे कम ब्याज, मोदी सरकार ने नौकरी पेशा लोगों को दिया बड़ा झटका, जानिए आंकड़े
By भाषा | Updated: March 12, 2022 20:59 IST2022-03-12T20:57:31+5:302022-03-12T20:59:38+5:30
EPFO Cuts Interest Rate: ईपीएफ पर ब्याज दर सबसे कम 8 फीसदी 1977-78 में थी। ईपीएफओ ने 31 मार्च को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर उसके करीब पांच करोड़ सदस्यों के लिए तय की।

ईपीएफ पर ब्याज दर सबसे कम 8 फीसदी 1977-78 में थी।
EPFO Cuts Interest Rate: वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर ब्याज दर इससे पिछले वित्त वर्ष की 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 फीसदी करने का प्रस्ताव शनिवार को किया गया। यह बीते चार दशक से भी अधिक समय में सबसे कम ब्याज दर है। इससे पहले ईपीएफ पर ब्याज दर सबसे कम 8 फीसदी 1977-78 में थी।
ईपीएफओ ने 31 मार्च को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर उसके करीब पांच करोड़ सदस्यों के लिए तय की। श्रम मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में गुवाहाटी में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की बैठक में ब्याज दर को 8.1 फीसदी करने की अनुशंसा की गई। एक सूत्र ने बताया, ‘‘ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की शनिवार को बैठक हुई जिसमें वित्त वर्ष 2021-22 (31 मार्च 2022 को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष) के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.10 फीसदी रखने का फैसला लिया गया।’’
इस अनुशंसा को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा और उससे मंजूरी मिलने पर इसे अधिसूचित किया जाएगा। बयान में कहा गया, ‘‘सरकारी गजट में ब्याज दर आधिकारिक रूप से अधिसूचित की जाएगी जिसके बाद ईपीएफओ अपने सदस्यों के खातों में ब्याज जमा करवा देगा।’’ सूत्रों ने कहा कि ईपीएफओ के पास जमा धन पर उसकी आय के आधार पर ब्याज दर तय की जाती है। जमाराशि 13 प्रतिशत बढ़ी है, वहीं ब्याज से आय केवल 8 प्रतिशत बढ़ी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.5 रखने का निर्णय मार्च 2021 में लिया था।
इसे अक्टूबर 2021 में वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। अब सीबीटी के हालिया फैसले के बाद 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर की सूचना वित्त मंत्रालय को अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी। मार्च 2020 में ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर सात साल में सबसे कम 8.5 फीसदी करने का फैसला किया था, जो 2018-19 में 8.65 फीसदी और 2017-18 में 8.55 फीसदी थी।
कमाई कम होने के कारण ईपीएफओ को पहले भी ब्याज दरें कम करनी पड़ीं। 2017-18 में ब्याज दर 8.55 फीसदी थी, 2016-17 में यह 8.65 फीसदी थी। भाकपा सांसद बिनॉय बिस्वाम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से ईपीएफओ पर ब्याज दर कम करने के फैसले पर पुन: विचार करने का अनुरोध किया।
सीतारमण के लिखे पत्र में बिस्वाम ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार ने चार राज्यों में जीत के तुरंत बाद अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा, ‘‘ईपीएफ पर ब्याज दर 8.1 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी करने का ईपीएफओ का फैसला न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि यह भी दिखाता है कि देश के कामकाजी लोगों के प्रति सरकार कोई चिंता नहीं रखती है।