विदेशों में गिरावट से तेल तिलहन बाजार में खाद्य तेलों के भाव टूटे, सरकार की बाजार पर नजर

By भाषा | Updated: September 9, 2021 21:24 IST2021-09-09T21:24:48+5:302021-09-09T21:24:48+5:30

Due to the fall in foreign countries, the prices of edible oils in the oilseeds market broke, the government's eye on the market | विदेशों में गिरावट से तेल तिलहन बाजार में खाद्य तेलों के भाव टूटे, सरकार की बाजार पर नजर

विदेशों में गिरावट से तेल तिलहन बाजार में खाद्य तेलों के भाव टूटे, सरकार की बाजार पर नजर

नयी दिल्ली, नौ सितंबर विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच स्थानीय तेल तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सोयाबीन, सीपीओ और पामोलीन सहित अधिकांश तेल तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख देखने को मिला जबकि त्यौहारी मांग से सरसों तेल तिलहन भाव में सुधार रहा।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने अधिसूचना जारी कर राज्यों से कहा है कि वे कारोबारियों के स्टॉक, कारोबार आदि की निगरानी और जांच कर सकते हैं। सरकार की चिंता है कि पिछले दिनों सीपीओ, सोयाबीन डीगम जैसे खाद्यतेलों के आयात शुल्क कम किये जाने के बावजूद कीमतों में खास नरमी नहीं आई है।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में दो प्रतिशत तथा शिकागो एक्सचेंज में आधा प्रतिशत की गिरावट थी। कुछ समाचार पत्रों में आयात शुल्क घटने की रिपोर्ट सामने आने के बाद विदेशों में सोयाबीन और सीपीओ के भाव मजबूत हो गये।

सरकार खाद्य तेलों के मामले में काफी सतर्क रुख अपना रही है। सरकार ने कहा है कि वह खाद्य तेलों के दाम पर दैनिक रूप से निगरानी रखे हुये है और इनके आयात पर भी उसकी नजर है। उसका कहना है कि वह दाम पर अंकुश रखने के लिये उचित कदम उठाने के लिये तैयार है। अब तक सरकार कच्चे और रिफाइंड पॉम तेल सहित विभिन्न तेलों के आयात पर शुल्क कम कर चुकी है। जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर भी उसकी नजर है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों की त्यौहारी मांग और बाजार में माल की उपलब्धता कम होने से सरसों दाना और सरसों दादरी के भाव सुधार के साथ बंद हुए जबकि सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल पूर्वस्तर पर रहे।

बाजार सूत्रों के मुताबिक मांग की स्थिति को देखते हुए सलोनी, आगरा और कोटा में सरसों का दाम 9,400 रुपये से बढ़ाकर 9,500 रुपये क्विन्टल तक पहुंच गया है।

महंगा बैठने के कारण मूंगफली तेल तिलहन और बिनौला के भाव भी कमजोर बंद हुए। सूत्रों ने कहा कि महंगा होने के कारण सरसों की बिक्री लगभग 40 प्रतिशत कम हुई है।

अन्य तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर रहे।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 8,675 - 8,725 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली - 6,770 - 6,915 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,380 - 2,510 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 18,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,695 -2,745 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,780 - 2,890 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,500 - 18,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,920 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,750 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,420 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,800 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,900 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,280 रुपये।

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