विदेशों में खाद्यतेलों में गिरावट से घरेलू तेल तिलहन भाव भी टूटे

By भाषा | Updated: May 29, 2021 17:07 IST2021-05-29T17:07:08+5:302021-05-29T17:07:08+5:30

Domestic oil oilseeds prices also broken due to fall in edible oils abroad | विदेशों में खाद्यतेलों में गिरावट से घरेलू तेल तिलहन भाव भी टूटे

विदेशों में खाद्यतेलों में गिरावट से घरेलू तेल तिलहन भाव भी टूटे

नयी दिल्ली, 29 मई कल रात शिकागो एक्सचेंज में 2.5 प्रतिशत की गिरावट आने से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शनिवार को घरेलू तेल तिलहनों के दाम भी दबाव में रहे। घरेलू बाजार में सरसों तेल और मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन, बिनौला तथा पाम एवं पामोलीन तेल की कीमतें गिरावट दर्शाती बंद हुईं।

बाजार सूत्रों ने कहा कि आठ जून से सरसों तेल की मिलावट पर रोक लगाने के फैसले के बाद सोयाबीन डीगम और पामोलीन की मांग कमजोर हुई है। इसके अलावा देश में चावल की भूसी के तेल की भी मांग प्रभावित हुई है। सरकार के इस फैसले से घरेलू उपभोक्ताओं को बिना मिलावट के शुद्ध सरसों तेल खाने को मिलेगा वहीं इस बार सरसों के लिए मिले अच्छे दाम को देखते हुए आगे इसकी पैदावार में भारी वृद्धि हो सकती है।

उन्होंने कहा कि देश में खाद्यतेलों का सालाना उत्पादन लगभग 75 लाख टन का होता है जिसके आधे हिस्से की पूर्ति सरसों तेल से होती है। सरकार ने लगभग 20 प्रतिशत सरसों तेल के साथ 80 प्रतिशत चावल भूसी, सोयाबीन डीगम जैसे सस्ते आयातित तेलों की ब्लेंडिंग करने की छूट दे रखी थी। सूत्रों ने कहा कि संभवत: इसी वजह से देश में सरसों तेल तिलहन का उत्पादन नहीं बढ़ पाया। उन्होंने कहा कि अब चूंकि किसानों को सरसों के अच्छे दाम मिलने लगे हैं और मिलावट पर रोक लगने जा रही है तो सरसों की आगामी पैदावार बम्पर होने की पूरी की पूरी संभावना है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को तिलहन उत्पादन पर अधिक ध्यान देना होगा और इसके लिए जरूरी है कि तिलहन किसानों को उनकी ऊपज के लिए बेहतर दाम के साथ प्रोत्साहन भी मिले।

सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों और सोयाबीन तेल का दाम जीएसटी और अन्य सारे खर्चो एवं अधिभार समेत लगभग 138 रुपये किलो है। मुनाफा जोड़कर उपभोक्ताओं को यह तेल 148-150 रुपये किलो के भाव मिलना चाहिये। पर कई स्थानों पर शापिंग मॉल में ये तेल 160-170 रुपये या उससे ऊपर के ही भाव पर मिल रहे हैं। इसमें थोक विक्रेताओं की कोई गल्ती नहीं है और हो सकता है कि फुटकर विक्रेताओं और मॉल वाले ही दाम बढ़ा रहे हों। उन्होंने सरकार से इन मामलों की पूरी निगरानी रखे जाने की मांग की।

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सोयाबीन के बीज के लिए अच्छे दाने की किल्लत है। सरकार को इन जगहों पर बीज के लिए सोयाबीन के बेहतर दाने का इंतजाम जल्द से जल्द करना चाहिये। विदेशों में सोयाबीन डीगम का भाव 1,461 डॉलर प्रति टन था लेकिन आयात शुल्क कम होने की अफवाह झूठा साबित होने से विदेशों में यह भाव टूटकर 1,380 डॉलर प्रति टन रह गया।

उन्होंने कहा कि विदेशी बाजार में आयातित तेलों के दाम घटने का असर सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, बिनौला, पाम और पामोलीन पर भी दिखा जिनके भाव गिरावट के साथ बंद हुए।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,300 - 7,350 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,770 - 5,815 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,050 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,275 - 2,305 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,300 -2,350 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,400 - 2,500 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,950 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,900 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,650 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,650 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,500 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,500 रुपये।

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