ई- शिक्षा के उचित उपयोग से डिजिटल भेदभाव, शैक्षिक परिणाम में अंतर समाप्त होगा : आर्थिक समीक्षा

By भाषा | Updated: January 29, 2021 18:31 IST2021-01-29T18:31:50+5:302021-01-29T18:31:50+5:30

Digital discrimination due to proper use of e-education will eliminate gap in educational outcomes: Economic review | ई- शिक्षा के उचित उपयोग से डिजिटल भेदभाव, शैक्षिक परिणाम में अंतर समाप्त होगा : आर्थिक समीक्षा

ई- शिक्षा के उचित उपयोग से डिजिटल भेदभाव, शैक्षिक परिणाम में अंतर समाप्त होगा : आर्थिक समीक्षा

नयी दिल्ली, 29 जनवरी कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन स्कूली शिक्षा के व्यापक स्तर पर बढ़ावा मिलने का जिक्र करते हए आर्थिक समीक्षा में सलाह दी गई है कि ई- शिक्षा का उचित उपयोग किया गया तो शहरी और ग्रामीण, स्त्री-पुरूष, उम्र और विभिन्न आय समूहों के बीच डिजिटल भेदभाव तथा शैक्षिक परिणाम में अंतर समाप्त होगा।

संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा में पिछले वर्ष अक्टूबर में प्रकाशित वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर)-2020 चरण-1 (ग्रामीण) का उल्‍लेख करते हुए कहा गया है कि ग्रामीण भारत में सरकारी और निजी स्कूलों में नामांकित विद्यार्थियो के पास स्मार्ट फोन की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की गई है ।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में 36.5 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन थे, वहीं 2020 में 61.8 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन मौजूद थे।

इसमें कहा गया है, ‘‘अगर उचित उपयोग (ई शिक्षा) किया गया तो शहरी और ग्रामीण, स्त्री-पुरूष, उम्र और आय समूहो के बीच डिजिटल भेदभाव और शैक्षिक परिणाम में अंतर समाप्त होगा।’’

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2020-21 पेश की।

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान, बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिये सरकार ने कई सकारात्मक पहल की हैं। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल पीएम-ई-विद्या की शुरुआत है।

इसमें कहा गया है, ‘‘ इससे विद्यार्थियो और अध्यापकों के लिये डिजिटल/ऑनलाइन /ऑन एयर शिक्षा के लिये बहु-आयामी और बराबरी का अवसर प्राप्त होता है।

रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान – एनआईओएस) से सम्बंधित स्वयं मूक (एमओओसीअएस) के तहत लगभग 92 ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किये गये हैं और 1.5 करोड़ विद्यार्थियों ने अपना नामांकन कराया है।

समीक्षा में कहा गया है कि कोविड-19 का प्रभाव समाप्त करने के लिये राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिये 818.17 करोड़ रुपये आवंटित किये गये।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समग्र शिक्षा योजना के तहत शिक्षकों को ऑनलाइन अध्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये 267.86 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं।

कोविड महामारी के कारण स्कूल बंद होने की वजह से विद्यार्थियों को घर पर ही ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिये डिजिटल शिक्षा पर दिशा निर्देश तैयार किये गये हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान में मनोवैज्ञानिक सहायता के लिये मनोदर्पण पहल शुरू की गई है।

आर्थिक समीक्षा 2020-21 के अनुसार, भारत में अगले दशक तक विश्व में सर्वाधिक युवाओं की जनसंख्या होगी। इसलिये देश का भविष्य तैयार करने के लिये युवाओं के लिये उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने की क्षमता विकसित करने पर जोर दिया गया जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 शामिल है ।

इसमें कहा गया है कि 9.72 लाख सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के भौतिक ढांचे में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। इनमें से 90.2 प्रतिशत विद्यालयों में बालिकाओं के लिये शौचालय और 93.7 प्रतिशत विद्यालयों में बालकों के लिये शौचालय की व्यवस्था है।

समीक्षा में कहा गया है कि 95.9 प्रतिशत स्‍कूलों में पीने के पानी की सुविधा है। 82.1 प्रतिशत विद्यालयों में पीने, शौचालय और हाथ धोने के लिये पानी उपलब्ध है। 84.2 प्रतिशत स्कूलों में चिकित्सा जांच की सुविधा मौजूद है।

इसमें बताया गया है कि 20.7 प्रतिशत स्कूलों में कम्प्यूटर और 67.4 प्रतिशत में बिजली का कनेक्शन और 74.2 प्रतिशत स्कूलों में रैम्प की सुविधा के साथ साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

समीक्षा के अनुसार, भारत ने प्राथमिक स्कूल स्तर पर 96 प्रतिशत साक्षरता दर हासिल कर ली है।

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Web Title: Digital discrimination due to proper use of e-education will eliminate gap in educational outcomes: Economic review

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